UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव पर कोर्ट के फैसले से पल्लवी पटेल नाखुश, सरकार को 'संविधान विरोधी' बताया
यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर पल्लवी पटेल ने भी बयान जारी किया है. पल्लवी पटेल ने सरकार को संविधान विरोधी बताया है.
UP Nikay Chunav: यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच के फैसले को यूपी सरकार चुनौती दे सकती है. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि राज्य में इस बार निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के होगा. इसको लेकर अपना दल (क) की नेता पल्लवी पटेल ने भी बयान जारी किया है. पल्लवी पटेल ने सरकार को संविधान विरोधी बताया है.
पल्लवी पटेल ने ट्वीट किया, 'मैं पहले भी कहती आई हूं कि ये संविधान विरोधी सरकार है आज कोर्ट का फैसला मेरी इस बात पर मुहर लगा देता है. वरना 18-18 घंटे काम करने का वायदा करने वाली सरकार 6 महीने पहले आयोग बनाकर ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित नहीं कर सकती थी क्या?' वहीं, अपना दल (s) ने ट्वीट कर लिखा, 'ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. हम इस संदर्भ में माननीय लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का अध्ययन कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो अपना ओबीसी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा.'
मैं पहले भी कहती आई हूं कि ये संविधान विरोधी सरकार है आज कोर्ट का फैसला मेरी इस बात पर मुहर लगा देता है ।
— Dr. Pallavi Patel (@pallavi_apnadal) December 27, 2022
वरना 18-18 घंटे काम करने का वायदा करने वाली सरकार 6 महीने पहले आयोग बनाकर ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित नहीं कर सकती थी क्या ?
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिए आदेश
कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को तुरंत चुनाव कराने का निर्देश दिया है. हालांकि कोर्ट ने एससी और एसटी आरक्षक के साथ चुनाव कराने की बात कही है. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब ओबीसी आरक्षण वाली सभी सीटें सामान्य होंगी. अब कोर्ट के इस फैसले के बाद संभावना है कि जनवरी में चुनाव हो सकता है. हालांकि अगर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती है, तब ही ऐसा संभव होगा.