UP News: उत्तर देश नगर निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) में बीजेपी (BJP) ने जीत का एक नया रिकॉर्ड बनाया है. प्रदेश के सभी 17 नगर निगम में बीजेपी ने जीत हासिल की है. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह (Dharmpal Singh) के नेतृत्व में निकाय चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता मिली है. वहीं बीते मार्च महीने में बीजेपी ने 6 क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए थे. यह चुनाव कहीं न कहीं इन क्षेत्रीय अध्यक्षों का भी टेस्ट था. ऐसे में आपको बताते हैं कि निकाय चुनाव की इस परीक्षा में कौन से क्षेत्रीय अध्यक्ष अव्वल नंबर से पास हुए हैं तो कौन फेल साबित हुए.
बीजेपी ने निकाय चुनाव में 17 नगर निगम, 89 नगर पालिका और 189 नगर पंचायतों पर कब्जा किया. वहीं नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में सबसे ज्यादा सदस्य भी बीजेपी के ही जीते, जिसके बाद पार्टी जीत का जश्न लगातार मना रही है. बीजेपी नेतृत्व के लिए तो यह चुनाव लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक सेमीफाइनल था, लेकिन पार्टी संगठन के लिहाज से यह उन छह क्षेत्रीय अध्यक्षों के लिए भी परीक्षा थी, जिन्हें मार्च महीने में अलग-अलग क्षेत्रों में नियुक्त किया गया था.
बीजेपी ने नियुक्त किए थे नए क्षेत्रीय अध्यक्ष
दरअसल बीजेपी ने यूपी में अपने संगठन को छह क्षेत्रों में बांटा है और मार्च महीने में इन सभी क्षेत्रों में नए क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त हुए थे. अब जब निकाय चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं तो पता चल रहा है किस क्षेत्र में बीजेपी कितनी सीटें जीतने में कामयाब रही और कितनी सीटों पर उसे मात मिली.
ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं दुर्विजय शाक्य
सबसे पहले अगर ब्रज क्षेत्र की बात करें तो यहां कुल 6 नगर निगम आते हैं. बीजेपी ने सभी छह नगर निगम में जीत हासिल की. वहीं नगर पालिका की बात करें तो 38 में से बीजेपी ने 18 में जीत हासिल की, जबकि 20 में उसे हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा कुल 112 नगर पंचायतें ब्रज क्षेत्र में आती हैं. इनमें 47 पर ही बीजेपी जीत पाई, जबकि 65 पर उसे मात मिली. ब्रज क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय शाक्य को बनाया गया था, यहां प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह भी चुनाव के प्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे.
कानपुर क्षेत्र में कैसा रहा बीजेपी का पदर्शन?
वहीं कानपुर क्षेत्र में कुल 2 नगर निगम आते हैं. बीजेपी ने दोनों नगर निगम जीते. 33 नगर पालिका में 18 में बीजेपी को जीत मिली और 15 में हार गई. नगर पंचायतों की बात करें तो 75 में से बीजेपी 32 पर जीतने में कामयाब रही, जबकि 43 पर उसे हार का सामना करना पड़ा. कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल को बनाया गया था और प्रदेश महामंत्री प्रियंका रावत चुनाव प्रभारी के तौर पर काम देख रही थी.
काशी क्षेत्र में मिली अच्छी कामयाबी
काशी क्षेत्र में बीजेपी ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया. यहां दो नगर निगम आते हैं. दोनों नगर निगम में बीजेपी ने जीत हासिल. 19 नगर पालिका में से 13 में बीजेपी ने जीत मिली, सिर्फ 6 में उसे हार का सामना करना पड़ा. इस क्षेत्र में 73 नगर पंचायत आती है. 72 में बीजेपी ने चुनाव लड़ा था, जिसमें 30 में जीत हासिल हुई और 42 में हार हुई. काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल हैं और वहां प्रभारी के तौर पर गोविंद नारायण शुक्ला काम देख रहे थे.
अवध क्षेत्र के 60 नगर पंचायत में मिली हार
अब अगर अवध क्षेत्र की बात करें तो यहां भी दो नगर निगम आते हैं. बीजेपी ने दोनों नगर निगम में जीत हासिल की. अवध क्षेत्र में 34 नगर पालिका आती हैं, जिनमें 12 में ही बीजेपी को जीत मिली, 22 में उसे हार का सामना करना पड़ा. इसी तरह 94 नगर पंचायत में 34 पर जीती और 60 पर हार मिली. अवध क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा को बनाया गया था और प्रभारी प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य है.
गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी नगर पालिका में पिछड़ी
गोरखपुर क्षेत्र में एक नगर निगम आता है, जहां बीजेपी ने जीत हासिल की. नगर पालिका 17 है, जिसमें बीजेपी केवल 5 में ही जीत पाई और 12 में हार का सामना करना पड़ा. गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी को नगर पालिका और नगर पंचायत में ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई. गोरखपुर क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय को बनाया गया था. प्रभारी के तौर पर प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता काम देख रहे थे.
पश्चिम क्षेत्र में चारों नगर निगम जीती बीजेपी
पश्चिम क्षेत्र की बात करें यहां कुल 4 नगर निगम आते हैं. इन सभी चार नगर निगम में बीजेपी ने जीत हासिल की, जबकि 58 नगरपालिका आती हैं, जिनमें 24 में बीजेपी जीती और 34 में उसे हार का सामना करना पड़ा. पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया को बनाया गया था और यहां प्रभारी के तौर पर प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश को भेजा गया था. हालांकि, बीजेपी इस निकाय चुनाव की जीत से बेहद उत्साहित है और वह कह रही है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी इसी तरह जीत हासिल करेगी.