UP Politics: निकाय चुनाव में बीजेपी से बगावत करने वालों के खिलाफ होगा एक्शन, जिलाध्यक्षों से मांगी गई रिपोर्ट
UP Nikay Chunav Results: बीजेपी ने निकाय चुनाव को लेकर सभी 98 जिलाअध्यक्षों से चुनाव की रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद आगे शीर्ष नेतृत्व कार्रवाई करेगा.
UP Nagar Nikay Chunav Results 2023: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में बीजेपी (BJP) ने जबरदस्त जीत हासिल कर विरोधियों को बुरी तरह परास्त कर दिया है. निकाय चुनाव (Nikay Chunav Results) में जीत हासिल करने के बाद अब उनकी बारी है जिन्होंने पार्टी के साथ बगावत की थी. बीजेपी अब ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है. इसके लिए यूपी बीजेपी ने अब प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों से निकाय चुनाव की रिपोर्ट मांगी हैं.
बीजेपी ने निकाय चुनाव को लेकर सभी 98 जिलाअध्यक्षों से चुनाव की रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में जिला अध्यक्षों से पूछा गया है कि निकाय चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों की जीत के प्रमुख आधार क्या था और अगर किसी प्रत्याशी की हार हुई है तो उसकी वजह क्या थी. निकाय चुनाव के नतीजों को लेकर जिला अध्यक्ष जो रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे उसका आंकलन करने के बाद आगे शीर्ष नेतृत्व कार्रवाई करेगा.
बगावत करने वालों पर हो सकती है कार्रवाई
निकाय चुनावों में भाजपा ने 17 नगर निगम में महापौर 89 नगर पालिका परिषद और 191 नगर पंचायत में अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है. साथ ही 813 पार्षद, नगर पालिकाओं में 1360 और नगर पंचायत में 1403 सभासद बीजेपी के टिकट पर जीत कर आये हैं. जिन भी सीटों पर सांसद, विधायक या पार्टी पदाधाधिकारियों के भीतरघात से पार्टी को नुक़सान हुआ है इस रिपोर्ट में उसका भी आकंलन किया जाएगा. जिसके बाद ऐसे नेताओं पर कार्रवाई की जा सकती है. पार्टी को हराने में सक्रिय रहे नेताओ के खिलाफ नोटिस देने, निलंबित करने या निष्कासित करने की करवाई हो सकती है.
आपको बता दें कि यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी में टिकट न मिलने या फिर टिकट कट जाने पर बड़े पैमाने पर विरोध देखने को मिला था. जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान कर दिया था तो कई नेता बीजेपी के विरोध में दूसरे दलों को प्रत्याशियों का समर्थन करने लगे थे. पार्टी में हुई बगावत को देखते हुए स्थानीय सांसद, विधायक और तमाम पदाधिकारियों को ऐसे नेताओं को समझाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसके बाद कुछ माने तो कुछ अपनी बात पर ही अड़े रहे, जिसकी वजह से कई सीटों पर बीजेपी को नुकसान भी हुआ है. यही वजह है कि पार्टी अब ऐसे नेताओं का बख्शने के मूड में नहीं है.