UP Nikay Chunav Results 2023: विधानसभा, लोकसभा और उपचुनावों में लगातार हार, राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) शनिवार को मेयर पद की 17 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी और स्वार विधानसभा सीट को भी बरकरार रखने में नाकाम रही. वहीं अपना दल (एस) से छानबे सीट जीतने में भी सपा नाकाम रही. 2017 में जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव से तख्तापलट में सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी, उस समय भी सपा हारी थी. 


काम नहीं आया दूसरे दलों का साथ


समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह हार गई और मुश्किल से 47 सीटों के साथ रह गई थी. सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था और दोनों दलों को हार का सामना करना पड़ा था. 2019 के लोकसभा चुनावों में, अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ हाथ मिलाया था. यह एक ऐसा निर्णय था, जिसे पार्टी के वरिष्ठों नेताओं ने अस्वीकार कर दिया था. उस चुनाव में सपा को गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ. हालांकि इस चुनाव में बसपा को फायदा हुआ और 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की. इस चुनाव के तुरंत बाद गठबंधन टूट भी गया था. बाद के महीनों में सपा उपचुनावों में अपनी आजमगढ़ और रामपुर सीटें भी बीजेपी से हार गई.


इसके बाद साल 2022 में सपा ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) सहित छोटे दलों के साथ गठबंधन किया, लेकिन यह भी काम नहीं आया. 2023 निकाय चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ संबंध सुधारे, लेकिन यह प्रयास बहुत देर से और बहुत कम साबित हुआ. सपा कार्यकर्ता ही अब अखिलेश यादव की नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं.


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