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UP Nikay Chunav Results: पिछले 9 सालों से अखिलेश यादव को धोखा दे रहा है मुस्लिम-यादव समीकरण! 2024 को लेकर खड़े हुए सवाल

UP Nikay Chunav Results: उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम-यादव फॉर्मूले का साथ कई बार सरकार बनाई, लेकिन साल 2014 के बाद से पार्टी सभी बड़े चुनाव हार रही है.

UP Nagar Nikay Chunav Results 2023: यूपी नगर निकाय चुनाव के जो नतीजे सामने आए हैं उससे प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की रणनीति पर बड़े सवाल उठने शुरू हो गए हैं. सपा जिस एमवाई (MY Formula) यानी मुस्लिम यादव (Muslim Yadav) समीकरण के आधार पर सत्ता में आई वो समीकरण लगातार 9 सालों से ध्वस्त होता नजर आ रहा है. इस बार सपा ने एमवाई के साथ दलितों को भी जोड़ने की कोशिश की लेकिन वो दलितों को भी अपनी तरफ करने में नाकामयाब हो गए.  

यूपी की 17 मेयर सीट में से एक भी सीट पर सपा अपना खाता नहीं खुला. ये हाल तब है जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए तीसरे मोर्चे का गठन करने में जुटे हैं, और दावा करते हैं कि यूपी में बीजेपी को सिर्फ सपा रोक सकती है, लेकिन निकाय चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी को फिर से मंथन की जरुरत है. यही नहीं आगामी लोकसभा चुनाव में भी सपा के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

अखिलेश के खाते में जुड़ी एक और हार

2012 के बाद से पिछले नौ सालों में अखिलेश को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. फिर चाहें 2014 के लोकसभा चुनाव हों, या 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव और अब यूपी निकाय चुनाव में भी सपा की साइकिल पंचर हो गई. सपा के एमवाई समीकरण का भी धरातल पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. आईए आपको बताते हैं कि पिछले नौ सालों में अखिलेश यादव को किस तरह हार का सामना करना पड़ा. 

साल 2012 में अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. उस समय पार्टी की कमान उनके पिता मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी, लेकिन अखिलेश यादव के हाथ में पार्टी कमान आने के बाद सपा को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच अखिलेश ने कभी कांग्रेस से हाथ मिलाया तो कभी मायावती से लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख पाए. 

सपा का एमवाई समीकरण हुआ फेल

- 2014 में लोकसभा चुनाव में सपा को केवल 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.  

- 2017 में अखिलेश ने सपा की कमान संभाली, लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में भी सपा का एमवाई समीकरण फेल हो गया और पार्टी 47 सीटों पर सिमट कर रह गई.

- लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया, लेकिन इस बार भी सपा को सिर्फ 5 सीटें मिलीं.

- विधानसभा 2022 में अखिलेश यादव ने यूपी की छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया, लेकिन एमवाई समीकरण फिर फेल हुआ. हालांकि सपा की सीटें जरूर बढ़ी, 2022 में सपा ने 111 सीटें जीतीं.

- विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव हुए, जो सपा के गढ़ थे, लेकिन पार्टी को हार मिली.

- मैनपुरी लोकसभा और खतौली व रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. इनमें मैनपुरी और खतौली में सपा को जीत जरूर मिली, लेकिन आजम खान की रामपुर विधानसभा सीट अखिलेश के हाथों से निकल गई.

- पिछले एक दशक से समाजवादी पार्टी निगम चुनाव और पंचायत चुनाव में भी लगातार हारती आ रही है.

- और अब यूपी निकाय चुनाव में भी सपा बुरी तरह हार गई और अखिलेश यादव के खाते में एक और पराजय दर्ज हो गई है.

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