UP Nikay Chunav Results 2023: समाजवादी पार्टी ने 2017 के मुकाबले इस निकाय चुनाव में अपनी स्थिति सुधारी है. 17 नगर निगम में से 9 पर सपा ने बीजेपी को सीधी टक्कर दी और नंबर दो पर रही. लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, फिरोजाबाद, बरेली, अयोध्या, अलीगढ़ में सपा नंबर दो पर रही जबकि मेरठ, झांसी, सहारनपुर, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, आगरा और मथुरा में नंबर 3 पर रही. वहीं मुरादाबाद में सपा का सांसद और चार विधायक होने के बाद भी परिणाम शर्मनाक रहे. यहां सपा चौथे स्थान पर चली गई.

 

निकाय चुनाव नतीजों से सपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा और कद भी जुड़ा था. पार्टी ने कई नेताओं को अलग-अलग शहरों में चुनाव प्रभारी बनाकर उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी थीं. सभी को पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने का लक्ष्य दिया गया था. प्रभारियों की रणनीति और कौशल के आधार पर उन्हें लोकसभा टिकट भी देने की बात कही गई थी. हालांकि, रिजल्ट आया तो पार्टी के बड़े-बड़े नेता अपने निकाय में ही फेल हो गए.

 

इन दिग्गजों को दी गई थी जिम्मेदारी

पूर्व मंत्री और विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडे को रायबरेली के साथ वाराणसी का जिम्मा दिया गया था. पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को लखनऊ में चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई थी. रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या को कुशीनगर, पूर्व मंत्री और विधायक ओमप्रकाश सिंह को वाराणसी, राम अचल राजभर को बलिया और घोसी का प्रभारी बनाया गया, चंद्र भूषण सिंह को फर्रुखाबाद, रामजीलाल सुमन को हाथरस, उदय वीर सिंह और संजय लाठर को मथुरा, शिवपाल सिंह के बेटे को इटावा की जिम्मेदारी दी गई थी. इनमें से सिर्फ शिवपाल सिंह यादव के बेटे को छोड़कर कोई भी बेहतर को दूर सामान्य प्रदर्शन तक नहीं कर सका. 

 

रायबरेली में सपा का हुआ बुरा हाल

रायबरेली में सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज पांडे को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वो अपने विधानसभा क्षेत्र ऊंचाहार नगर पंचायत में ही फेल हो गए. यहां से भाजपा जीती और सपा चौथे नंबर पर रहीं. दूसरे और तीसरे नंबर पर बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी रहीं. सपा न नगरपालिका जीती और न ही  नगर पंचायत जीत पाई. रायबरेली में 1 नगर पालिका और 9 नगर पंचायत हैं. नगर पालिका में कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई. यहां सपा तीसरे स्थान पर रही. लालगंज नगर पंचायत में कांग्रेस जीती. सपा चौथे स्थान पर रही. महाराजगंज नगर पंचायत में भाजपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. बछरावां में भाजपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. सलोन में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. सपा दूसरे स्थान पर रही. परसदेपुर में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. सपा दूसरे स्थान पर रही. नसीराबाद में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. सपा चौथे स्थान पर रही. डलमऊ में बीजेपी जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. शिवगढ़ में भाजपा जीती. सपा तीसरे स्थान पर रही.

 

अरविंद सिंह पर थी लखनऊ की जिम्मेदारी

लखनऊ की जिम्मेदारी अरविंद सिंह गोप पर थी. लखनऊ में सपा महापौर प्रत्याशी वंदना मिश्रा हार गईं. भाजपा ने निगम से लेकर पालिका और पंचायत तक अपना दबदबा बनाया. नगर निगम के 110 वार्ड में से 80 सीटें भाजपा ने जीती जबकि सपा 21 पर ही सिमट गई. 10 नगर पंचायत में 3 भाजपा, 3 सपा, 3 बसपा और एक निर्दलीय के खाते में गई.

 

बंथरा नगर पंचायत में बसपा जीती. भाजपा दूसरे नंबर पर रही. मोहनलालगंज में निर्दल प्रत्याशी जीता. सपा दूसरे नंबर पर रही. यहां 16 वार्ड में 3 सपा जीती. मलीहाबाद में बसपा जीती. बीजेपी दूसरे नंबर पर रही. यहां 15 वार्ड में सपा के खाते में 2 सीटें आईं. काकोरी में बीजेपी जीती. सपा दूसरे नंबर पर रही. यहां 13 वार्ड में सपा को मात्र एक सीट मिली. महोना में बसपा जीती. निर्दल प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा. यहां 10 वार्ड में सपा को सिर्फ 2 सीटें मिलीं. बीकेटी की सीट इस बार सपा ने भाजपा से छीन ली. 19 वार्ड में सपा को सिर्फ 2 सीटें मिलीं. 10 वार्ड में सपा को 1 सीट मिली. गोसाईगंज में बीजेपी जीती. सपा दूसरे नंबर पर रही. अमेठी में सपा जीती. निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा. यहां 11 वार्ड में सपा को 6 सीटें मिलीं. इटौंजा में बीजेपी जीती. दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी रहा. 

 

स्वामी प्रसाद मौर्य भी नहीं दिला पाए जीत

स्वामी प्रसाद मौर्य के कंधे पर कुशीनगर के साथ घोसी सीट की जिम्मेदारी थी. कुशीनगर की 3 नगर पालिका और 10 नगर पंचायत में सिर्फ एक सीट ही सपा के खाते में आई. घोसी सीट पर भी बीजेपी ने ही जीत हासिल की. पडरौना नगर पंचायत में भाजपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. कुशीनगर नगर पंचायत में भाजपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. सिर्फ हाटा नगर पंचायत में सपा जीत हासिल कर सकी. यहां भाजपा दूसरे स्थान पर रही. यहां की 10 नगर पंचायत में सुकरौली में निर्दल प्रत्याशी जीता. तमकुहीराज में बीजेपी जीती. मथौली में निर्दल प्रत्याशी जीता. सपा दूसरे स्थान पर रही. खड्डा में बीजेपी जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. रामकोला में बीजेपी जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. कप्तानगंज में बीजेपी जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. सेवरही में बीजेपी जीती. सपा तीसरे स्थान पर रही. दुदही में बीएसपी जीती. फाजिलनगर में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. सपा तीसरे स्थान पर रही. छितौनी में निर्दल प्रत्याशी जीता. सपा तीसरे स्थान पर रही.

 

पीएम मोदी के वाराणसी में रहा ऐसा हाल

वाराणसी का प्रभारी विधायक ओपी सिंह को बनाया गया था. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में वाराणसी में इस बार इतिहास रचा गया. वाराणसी में नगर निगम के 100 वार्ड हैं. बीजेपी महापौर पद पर तो जीती ही, पार्षद की भी 63 सीटों पर भगवा लहराया. पिछले चुनाव में बीजेपी के पास 40 सीटें थीं. सपा को 2017 में 14 सीटें मिली थीं. इस बार 1 सीट और कम हो गई. सपा ने 13 सीटें जीती. वाराणसी की नगर पंचायत गंगापुर में भी अध्यक्ष पद पर बीजेपी ने जीत हासिल की. 

 

बलिया की जिम्मेदारी राम अचल राजभर को सौंपी गई थी. यहां 2 नगर पालिका और 10 नगर पंचायत हैं. नगर पालिका में कहीं पर भी सपा नहीं जीत सकी. बलिया नगर पंचायत में भाजपा जीती तो सपा तीसरे नंबर पर रही. निर्दल प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा. रसड़ा नगर पालिका में बसपा जीती. सपा चौथे नंबर पर रही. 10 नगर पंचायत में सिर्फ नगरा, मनियर और बांसडीह में ही सपा जीत सकी. बैरिया नगर पंचायत में भाजपा जीती. सपा चौथे स्थान पर रही. दूसरी ओर तीसरे स्थान पर निर्दलीय अपनी धमक बनाए रहे. सहतवार में सपा समर्थित प्रत्याशी जीता. बेल्थरा रोड में बीजेपी जीती. सपा तीसरे स्थान पर रही. रेवती में निर्दल प्रत्याशी जीता, रतसड़कला में सुभासपा जीती, चितबड़ागांव में बीजेपी जीती, सिकंदरपुर में भी बीजेपी जीती इन सभी सीटों पर सपा पांचवें स्थान पर रही.

 

कानपुर में ठीक-ठाक रहा प्रदर्शन

कानपुर सपा विधायक रविदास मल्होत्रा के पास था. यहां सपा की महापौर प्रत्याशी वंदना बाजपेई के लिए समीकरण सटीक थे, फिर भी वो हार गईं. बाकी चुनाव में सपा का प्रदर्शन ठीक-ठाक ही रहा. कानपुर में नगर निगम में 110 वार्ड, 2 नगर पालिका और 2 नगर पंचायत हैं. बीजेपी ने पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन किया और 63 पार्षद प्रत्याशी जिताए. समाजवादी पार्टी ने भी पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 12 के बजाय 17 पार्षदों को जिताया.

घाटमपुर नगर पालिका में एआईएमआईएम का प्रत्याशी जीता. यहां सपा दूसरे नंबर पर रही. बिल्हौर नगर पालिका में भी निर्दल प्रत्याशी ने जीत हासिल की. बिठूर नगर पंचायत में बीजेपी के विधायक अभिजीत सिंह सांगा की मां डॉ. निर्मला सिंह ने जीत हासिल की. यहां सपा दूसरे स्थान पर रही. शिवराजपुर नगर पंचायत में भी निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की.

 

मथुरा में सपा का शर्मनाक प्रदर्शन

मथुरा-वृंदावन नगर निकाय में जीत की जिम्मेदारी पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह और संजय लाठर को दी गई थी. दोनों ही अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. हालांकि, यहां का चुनाव परिणाम शर्मनाक रहा. महापौर का पद हो या नगर पालिका और नगर पंचायत, कहीं पर भी सपा का प्रत्याशी नहीं जीता. महापौर पद पर तो सपा लड़ाई में ही नहीं थी. भाजपा जीती. बसपा दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस को तीसरा स्थान मिला. नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में पार्षदों और सभासदों के 259 पदों में सपा मात्र 3 ही जीत सकी.

 

मथुरा-वृंदावन में नगर निगम के अलावा 1 नगर पालिका और 13 नगर पंचायत हैं. नगर निगम में 70 वार्ड हैं जिसमें सपा के मात्र 2 पार्षद जीत पाए. कोसीकला नगर पालिका में सपा हारी. वार्ड के 25 सभासद में एक भी सीट सपा के खाते में नहीं गई. नगर पंचायत छाता के 15 वार्ड से सपा का एकमात्र सभासद जीत सका. नगर पंचायत गोवर्धन के 18 वार्ड, बरसाना के 17 वार्ड, राया नगर पंचायत के 14 वार्ड, गोकुल के 10 वार्ड, चौमुंहा के 10 वार्ड, फरह के 10 वार्ड, महावन के 10 वार्ड, सौंख के 10 वार्ड, बलदेव के 10 वार्ड, नंदगांव के 10 वार्ड, राधाकुंड के 10 वार्ड में सपा एक भी सीट नहीं जीती.

 

जानें कैसे रहे हाथरस की नतीजे

हाथरस में निकाय चुनाव का प्रभारी रामजीलाल सुमन को बनाया गया था. हाथरस में 2 नगर पालिका और 7 नगर पंचायत हैं. हाथरस नगर पालिका में भाजपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही तो सिकंदराराऊ नगर पालिका में एआईएमआईएम ने जीत हासिल की. यहां सपा तीसरे स्थान पर रही. हाथरस नगर पालिका के 35 वार्ड में सपा को मात्र 1 सीट मिली जबकि सिकंदराराऊ के 25 वार्ड में सपा 2 सीटें ही जीत सकी.

 

सात नगर पंचायतों में मुरसान नगर पंचायत में सपा जीती. मैंडू नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. यहां के 11 वार्ड सदस्यों में सपा जीरो रही. पुरदिल नगर पंचायत में भाजपा जीती. सपा तीसरे स्थान पर रही. यहां के 13 वार्ड में सपा को सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली. सासनी नगर पंचायत में बसपा जीती. समाजवादी पार्टी चौथे स्थान पर रही. यहां के 12 वार्ड में सपा को एक भी सीट नहीं मिली. हसायन नगर पंचायत में सपा जीती लेकिन 10 वार्ड में एक भी सदस्य नहीं जीत सका. सहपऊ नगर पंचायत में भाजपा जीती. वार्ड के 10 सदस्यों में सपा जीरो रही. सादाबाद में निर्दल प्रत्याशी जीता. सपा दूसरे नंबर पर रही. यहां के 17 वार्ड में सपा को 5 सीटें मिलीं.

 

इटावा ने बचाई सपा की लाज

इटावा में निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी शिवपाल सिंह के बेटे आदित्य को दी गई थी. यहां 3 नगर पालिका और 3 नगर पंचायत हैं. नगर पालिका में सपा जीती तो नगर पंचायत में तीनों सीटें हार गई. इटावा नगर पालिका में सपा जीती. भरथना नगर पालिका में सपा जीती. जसवंतनगर नगर पालिका में सपा जीती जबकि लखना नगर पंचायत में निर्दलीय जीता. यहां सपा पांचवें नंबर पर रही. बकेवर नगर पंचायत में बीएसपी जीती. यहां सपा तीसरे नंबर पर रही. इकदिल नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. यहां सपा दूसरे नंबर पर रही.

 

फर्रुखाबाद में सपा के खाते में आईं दो सीटें

फर्रुखाबाद का जिम्मा सपा नेता चंद्र भूषण सिंह पर था. यहां 2 नगर पालिका और 7 नगर पंचायत में सपा के खाते में सिर्फ दो ही सीटें आ सकीं. कमालगंज और खिमसेपुर नगर पंचायत में सपा चौथे स्थान पर रही. फर्रुखाबाद नगर पालिका में बसपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही. कायमगंज नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. भाजपा दूसरे स्थान पर रही जबकि सपा को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा.

 

नगर पंचायत शमसाबाद और नगर पंचायत कंपिल में समाजवादी पार्टी अपना अध्यक्ष बनाने में सफल रही. कमालगंज नगर पंचायत में निर्दल प्रत्याशी जीता. भाजपा दूसरे स्थान पर रही. यहां सपा चौथे स्थान पर रही. खिमसेपुर नगर पंचायत में भाजपा जीती. बसपा दूसरे स्थान पर रही. यहां भी सपा चौथे स्थान पर रही. मोहम्मदाबाद नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई. सपा दूसरे स्थान पर रही. नवाबगंज नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी जीता. दूसरे स्थान पर भी निर्दलीय ही रहा. सकिंसा बसंतपुर में भाजपा जीती. सपा दूसरे स्थान पर रही.