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यूपी में निकाय चुनाव की तैयारियां तेज, सपा ने बताया- कैसे होगा कैंडिडेट्स का फैसला

सपा ने 17 नगर निगम, नगर पालिका में और नगर पंचायतों में पार्टी के विधायकों और चुनाव लड़े प्रत्याशियों, जिला अध्यक्षों की कमेटी भी बनाई है, जो वहां के उम्मीदवारों के नाम का एक पैनल बनाकर लखनऊ भेजेंगे.

UP Nagar Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव दिसंबर महीने में होना है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक आरक्षण भी घोषित कर दिया जाएगा और उसके बाद दिसंबर के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भी इस चुनाव की तैयारी तेज कर दी है. पार्टी का दावा है कि इस बार निकाय चुनाव में वो ज्यादा सीटें जीतेगी. वही पार्टी मेयर पार्षद नगर पालिका नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के उम्मीदवारों को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाएगी.

समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है. पार्टी ने निकाय चुनाव के लिए अपने ऑब्जर्वर की नियुक्ति पहले ही कर दी थी. इसके बाद उम्मीदवारों के चयन के लिए सभी 17 नगर निगम में नगर पालिका में और नगर पंचायतों में पार्टी के विधायकों और चुनाव लड़े प्रत्याशियों, जिला अध्यक्षों की कमेटी भी बनाई है, जो वहां के उम्मीदवारों के नाम का एक पैनल बनाकर लखनऊ भेजेंगे. इसके बाद लखनऊ में नामों पर चर्चा करने के बाद उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जाएगी.

2017 में सपा के 202 पार्षद जीते थे
वहीं समाजवादी पार्टी दावा कर रही है कि इस बार निकाय के चुनाव में पार्टी 2017 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी. 2017 में समाजवादी पार्टी मेयर की एक भी  सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन अब उसका दावा है कि न केवल मेयर ही नहीं बल्कि नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ वार्डों में भी उसके मेंबर बड़ी संख्या में जीतकर आएंगे. समाजवादी पार्टी 16 नगर निगम में मेयर की एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. हालांकि, नगर निगम के वार्डों  में 202 पार्षद सपा के जीते थे और उनका जीत का प्रतिशत 15 फीसदी के आसपास था. जबकि, नगर पालिका अध्यक्ष पद पर सपा के 45 उम्मीदवार जीते थे और जीत का प्रतिशत 22 फीसदी था. 

2017 का वोट प्रतिशत
वहीं नगर पालिका परिषद सदस्य के पद पर 477 उम्मीदवार जीते थे और जीत का प्रतिशत 9 फीसदी था. जबकि, नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर 83 उम्मीदवार जीते थे और जीत का प्रतिशत 19 फीसदी था. वहीं नगर पंचायत सदस्य के पद पर 453 उम्मीदवार जीते थे और जीत का प्रतिशत 8 फीसदी था, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी का दावा है कि नगर निगम में नगर पालिका में नगर पंचायत की ज्यादा सीटें सपा जीतेगी. क्योंकि 2017 में उनके 49 विधायक थे और 2022 में विधायकों की संख्या बढ़कर 111 हो गई है. इसी वजह से समाजवादी पार्टी स्थानीय निकाय के चुनाव में भी अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं पार्टी की तैयारी ये भी है कि वह मेयर, पार्षद नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर जो चुनाव होंगे वहां तो अपने उम्मीदवारों को सिंबल पर लड़ाएगी.

बीजेपी ने किया दावा
इसके साथ ही नगर पालिका सदस्य, नगर पंचायत सदस्य पद पर उम्मीदवार को सिंबल पर नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच आपसी सहमति बनाकर चुनाव लड़ाया जाएगा. हालांकि, समाजवादी पार्टी के इस दावे पर बीजेपी प्रदेश में साल 2014 से हुए अब तक के चुनाव का हवाला दे रही है. बीजेपी नेता साफ तौर पर कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में 2014, 17, 19 और 22 के चुनाव में क्या परिणाम रहा यह सभी को पता है. साथ ही स्थानीय निकाय के चुनाव में बीजेपी इस बार 2017 से भी ज्यादा सीटें हासिल करेगी. उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी को न केवल उपचुनाव में बल्कि स्थानीय निकाय के चुनाव में भी सीट नहीं मिलेगी. ऐसे में प्रदेश में सियासी दल निकाय चुनाव की जोर आजमाइश में जुटे हैं. सभी दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन सभी को इंतजार आरक्षण घोषित होने का है क्योंकि उसके बाद ही सियासी दल वोट बैंक के आधार पर अपना गुणा गणित तय करेंगे.

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