UP Nikay Chunav 2023: उन्नाव में नगरपालिका चुनाव का माहौल पूरी तरीके से बन चुका है. राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में उतर चुके हैं. कार्यालयों का उद्घाटन भी शुरू हो चुका है. बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको नगरपालिका परिषद उन्नाव का इतिहास नहीं मालूम है. आज हम आपको बताएंगे उन्नाव सदर नगर पालिका का इतिहास.
नगर पालिका का गठन 1885 में हुआ था.उस समय इस पालिका को 10 वार्ड में बांटा गया था. लेकिन उस समय इस पालिका में चुनाव नहीं हुआ था. अंग्रेजी शासनकाल चल रहा था, अंग्रेज कलेक्टर ने इस पालिका में प्रशासन की तैनाती की थी. पहली बार 70 साल बाद सन 1953 में इस नगर पालिका में चुनाव हुआ था और उस समय इस सीट को अनारक्षित रखा गया था.
इस प्रकार लोगों का रहा कब्जा
उस वक्त इस सीट पर कांग्रेस के कासिम हुसैन जैदी ने अपना कब्जा जमाया था. उसके बाद सन् 1979 मैं दोबारा फिर एक बार यह सीट अनारक्षित रही और इसी पर फिर से कांग्रेस के शारदा चंद अस्थाना ने अपना कब्जा जमाया. 1988 के चुनाव में भी यह सीट अनारक्षित रही और इस बार फिर कांग्रेस के सैयद अली हुसैन जैदी ने पर अपना कब्जा जमाया.1995 में यह सीट महिला हुई और इस सीट से बीजेपी की राम श्री दीक्षित ने अपना कब्जा जमाया.
बीजेपी के नेता भी अपना कब्जा जमाया है
सन 2000 में एक बार फिर यह सीट अनारक्षित हुई और दोबारा फिर सैयद अली हुसैन जैदी ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया. सन 2006 में बीएसई सुरक्षित रही और इस सीट से सपा के पंकज गुप्ता ने जीत हासिल की 2012 के चुनाव में यह सीट अन्य पिछड़ा जाति हुई और इस सीट से बीजेपी के रामचंद्र गुप्ता ने अपनी जीत को दर्ज कराया, वहीं 2017 में यह सीट एक बार फिर महिला हुई और सपा की उषा कटियार ने इस पर अपना कब्जा जमाया.
इतने मतदाता हैं इस पालिका में
आपको बता दें कि 1985 में गठित हुई इस नगर पालिका परिषद में पहला विस्तार 1953 में हुआ, जिसमें वार्डो की संख्या 10 से बढ़ाकर 11 कर दी गई. इसके बाद 5 बार और वार्डो का विस्तार किया गया और समय में इस समय उन्नाव नगर पालिका में 32 वार्ड हैं. जब पहली बार इस नगर पालिका का चुनाव उस समय मतदाताओं की संख्या लगभग 12000 के आसपास थी और आज इस पालिका में 142438 मतदाता है.
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