UP Nilkay Chunav 2023: निकाय चुनाव के टिकट कटने के बाद से ही बीजेपी भी बागियों से निपटने की चुनौती का सामना कर रही है. इसे लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने साफ कर दिया है कि बागी कार्यकर्ताओं को मनाने की जिम्मेदारी सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों की होगी. पार्टी ने साफ निर्देश दिए हैं कि सांसद, विधायक और पदाधिकारी नाराज कार्यकर्ताओं को हर हाल में मना कर शांत कराएं, उनके बगावत के सुर को ठंडा करें. राजधानी लखनऊ से लेकर गाजियाबाद, बलिया समेत प्रदेश भर में कई जगह बीजेपी के बागी उनके लिए चुनौती बन गए हैं.
टिकट न मिलने पर बागियों ने खोला पार्टी के खिलाफ मोर्चा
प्रदेश भर में कई जगह नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व वार्ड में पार्षद का टिकट ना मिलने की वजह से कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है. इनमें कई ऐसे भी हैं जिन्होंने निर्दलीय पर्चे भरे हैं. इससे पार्टी की चिंता बढ़ गई है. चिंता इस बात की है कि अगर समय रहते इन्हें समझा कर शांत नहीं कराया गया तो ना सिर्फ निकाय चुनाव बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए नुकसानदायक होंगे.
इसकी वजह से पार्टी का वोट प्रतिशत भी कम हो सकता है. पार्टी ने 2017 के निकाय चुनाव की जो एनालिसिस की है उसमें भी पाया है कि तब भी बीजेपी के लिए निकाय चुनाव में हार की बड़ी वजह पार्टी के बागी उम्मीदवार रहे.
सांसदों, विधायकों को दिए गए बागियों को शांत कराने के निर्देश
पार्टी ने अपने सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों से साफ कहा है कि वह बगावत करने वाले कार्यकर्ताओं को शांत कराएं जिससे पार्टी प्रत्याशी की राह आसान हो सके. पार्टी ने आदेश दिया है कि सभी जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और कार्यकर्ता बूथ प्रबंधन में जुटें, घर-घर जनसंपर्क का कार्यक्रम भी तेज किया जाए. पार्टी ने इस निकाय चुनाव में 60 फ़ीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. पार्टी का मानना है कि अगर ऐसा हो गया तो लोकसभा चुनाव में कोई भी दल उनके सामने नहीं टिक पाएगा.
पार्टी के सामने कोई चुनौती नहीं- दिनेश प्रताप सिंह
इसी बीच मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि हमारे सामने कोई चुनौती नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई चुनौती नहीं जिसे बीजेपी कार्यकर्ता पार ना पा सकें. हमारी पार्टी कार्यकर्ता बेस पार्टी है. हम हर चुनौती से संघर्ष करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं. बीजेपी का कमल हर नगर निगम और नगर पालिका में खिलेगा. हम लोग एक परिवार के सदस्य हैं. अगर कोई नाराज होता है तो परिवार की तरह ही नाराज होता है और हम उसे परिवार की तरह ही मनाना भी जानते हैं. दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर काम कर रहे हैं किसी को समझाने की जरूरत नहीं है.
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