(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी: कोरोना काल में जान गंवा चुके फ्रंटलाइन वर्कर्स को 'मैंगो मैन' ने दी अनोखी श्रद्धांजलि, दिलचस्प है वजह
मैंगो मैन के नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान ने इस बार अपनी नर्सरी में आम की किस्मों के नाम कोरोना की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के नाम पर रखे हैं.
लखनऊ. मलिहाबाद के आम देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हैं. यहां आम की कई किस्में उगाने वाले कलीमुल्लाह खान जिन्हें मैंगो मैन के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की सेवा कर अपनी जान गंवाने वाले डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों को अनोखे तरीके से श्रद्धांजलि दी है. पद्म श्री कलीमुल्लाह ने अपनी नर्सरी के आमों का नाम डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के नाम पर रखा है. उनका कहना है कि कोरोना वॉरियर्स के नाम पर रखी गई आम की किस्में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी.
इतना ही नहीं, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं से प्रभावित होकर अपनी नर्सरी के नामों को इन नेताओं के नाम पर रखा है. उनकी नर्सरी में डॉक्टर मैंगो, मोदी आम, योगी आम जैसे आम मिल जाएंगे.
पीएम मोदी सीएम योगी के नाम पर भी आम की किस्में
वो बताते हैं, "दुनिया में बहुत से लोग हैं, लेकिन सभी ने असाधारण काम नहीं किया है. देश के लिए अच्छा और असाधारण काम करने वाले लोगों के नाम पर मैंने अपने आम की किस्मों के नाम को रखा है. ऐसे लोग आम आदमी के लिए प्रेरणा हैं. उदाहरण के तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी- जिन्होंने दुनियाभर में देश का सम्मान बढ़ाया है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय में नई ऊंचाइयां हासिल की और महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है.
कलीमुल्लाह ने आगे बताया, "उसी तरह से मैंने अन्य कई नेताओं के नाम पर आमों के नाम रखे हैं. जैसे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जो कई घंटों तक काम करते हैं. उसी तरह से सोनिया गांधी, जो एक समर्पित नेता हैं. अखिलेश यादव भी युवा और मेहनती हैं. साथ ही मैंने आम की एक किस्म का नाम अभिनेत्री एश्वर्या के नाम पर रखा है, क्योंकि वो देश की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक हैं."
इस बात से हैरान हैं 'मैंगो मैन'
कलीमुल्लाह इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि नेताओं के नाम पर आम की किस्मों के नाम रखने के बाद उनके पेड़ पर एक भी आम नहीं आया. 65 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है. उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या के नाम पर आम का नाम रखने के बाद उनके पेड़ आम से लद गए थे.
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