योगी सरकार ने दिया केशव प्रसाद मौर्य की चिट्ठी का जवाब, सामने आया आरक्षण पर बड़ा सच
UP News: केशव मौर्य ने आउटसोर्सिंग और संविदा पर भर्ती किए गए कर्मचारियों की संख्या और उनमें आरक्षण के नियम का पालन किए जाने की जानकारी मांगी थी. इस संबंध में आंकड़े सामने आए हैं.
UP Outsourcing Jobs: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बीच मची कलह के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आउटसोर्सिंग और संविदा पर भर्ती किए गए कर्मचारियों की संख्या और उनमें आरक्षण के नियम का पालन किए जाने की जानकारी मांगी थी, जिसके आंकड़े सामने आने शुरू गए हैं. यूपी में अभी सूचना विभाग में आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के आंकड़े सामने आए हैं जिनमें 676 कर्मचारियों में से 512 कर्मचारी रिजर्व वर्ग से हैं.
केशव मौर्य ने नियुक्ति और कार्मिक विभाग को चिट्ठी लिखकर जानकारी मांगी थी. इस संबंध में सूचना विभाग की ओर से आंकड़े जारी किए है. इन आँकड़ों के मुताबिक सूचना विभाग में उनके पास आउटसोर्सिंग द्वारा कुल 676 कर्मचारी हायर किए गए हैं. इनमें से 512 कर्मचारी रिजर्व कोटे के हैं. वहीं 340 कर्मचारी ओबीसी वर्ग से आते हैं जो 75 फीसद से भी अधिक हैं.
केशव प्रसाद मौर्य ने की थी मांग
ये तब है जब अभी तक आउटसोर्सिंग में आरक्षण का नियम नहीं लागू किया गया है. बड़ी बात ये हैं आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को शासन स्तर पर भर्ती नहीं किया जाता है बल्कि इनकी भर्ती सीधे विभाग द्वारा हायर की गई एजेंसियों के द्वारा की जाता है. ये आंकड़े इसलिए भी अहम हो जाते हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने संविधान और आरक्षण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. जो बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण बना.
लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी में जो खींचतान मची हुई है उसके बीच हाल ही में डिप्टी सीएम केशव प्राण मौर्य की एक चिट्ठी वायरल हुई थी, जिसमें उन्होंने कार्मिक विभाग से आउटसोर्सिंग पर भर्ती किए गए कर्मचारियों के आंकड़े और आरक्षण के नियम का पालन किए जाने की जानकारी मांगी थी. ये चिट्टी 14 जुलाई को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के अगले दिन ही लिखी गई थी.
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यूपी में अभी आउटसोर्सिंग की नौकरियों में आरक्षण का नियम लागू नहीं है. लेकिन माना जा रहा है कि यूपी में मिली हार के बाद योगी सरकार इसे लेकर जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है. जिसके तहत सरकार ने आउटसोर्सिंग के तहत भी भर्तियों में आरक्षण का नियम लागू करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने सभी विभागों से जानकारी भी मांगी गई है.