लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव भले ही 2022 में होने हैं लेकिन यूपी में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. पहले आम आदमी पार्टी ने यूपी में विधानसभा और पंचायत चुनाव लड़ने का एलान किया, तो वहीं अब एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी पंचायती राज चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.


पहले भी किस्मत आजमा चुके हैं ओवैसी


ये पहला मौका नहीं है जब एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश में कोई चुनाव लड़ने जा रही हो, इससे पहले 2015 में जब प्रदेश में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनाव हुए तब भी एआईएमआईएम ने जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़ में पार्टी के उम्मीदवार जीते भी थे. इसके बाद अगर 2017 की बात करें तो उत्तर प्रदेश में हुए नगर निगम के चुनाव में भी एआईएमआईएम ने पूरे दमखम के साथ अपने उम्मीदवार उतारे. तब पार्टी को 78 में से 29 सीटों पर जीत मिली थी.


2017 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने प्रदेश में कुल 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन किसी को भी जीत हासिल नहीं हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में तो एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में एक भी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे. तब आरोप लगा था कि ओवैसी बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं और आज जब ये सवाल उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम वोट काटने के लिए नहीं बल्कि लोगों का दिल जीतने के लिए उत्तर प्रदेश आ रहे हैं.


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