लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर जिलेवार जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण की सूची जारी हो गई है. शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर, हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनुसूचित जाति स्त्रियों के लिए आरक्षित है.
कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ हैं. इसके अलावा संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं अन्य पिछड़ा वर्ग स्त्री के लिए आरक्षित है. आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीरनगर, चंदौली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है.
कुछ और क्षेत्रों की बात करें तो कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु स्त्रियों के लिए आरक्षित हुआ है.
ये क्षेत्र रहेंगे अनारक्षित
अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनारक्षित रहेगा.
आरक्षण को लेकर अपनायी गई ये प्रक्रिया
कल ही उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर पंचायती राज विभाग ने आरक्षण नियमावली से जुड़ा शासनादेश जारी कर दिया था. चुनाव में रोटेशन व्यवस्था से रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरक्षण लागू करने में 1995 से अब तक के पिछले 5 चुनाव का संज्ञान लिया जा रहा है. सबसे पहले वहां आरक्षण लगाया जाएगा जहां पहले आरक्षण नहीं लगा. यानी जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उन्हें वरीयता दी जाएगी. इसके अलावा पिछले पांच चुनावों के वह पद किसके लिए आरक्षित थे उसका संज्ञान लिया जाएगा.
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