लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव चार चरणों में होने हैं. पहले फेज के लिए वोटिंग 15 अप्रैल, दूसरे चरण के लिए वोटिंग 19 अप्रैल को, तीसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को और चौथे चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी. जबकि, चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे. इस बार के पंचायत चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. तकरीबन 46 फीसदी वोटर 35 वर्ष से कम के हैं. जबकि, पहली बार वोट डालने वाले वोटरों की संख्या एक करोड़ के आसपास है.


वोटरों का गणित
इन मतदाताओं में 21 वर्ष कम आयु के वोटरों की कुल संख्या तकरीबन 78 लाख है. उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है पंचायत चुनाव में अगर कुल वोटरों की बात करें तो उनकी संख्या 12 करोड़ 39 लाख है. जिनमें पुरुष वोटर 6 करोड़ 57 लाख 22 हज़ार 788 हैं और महिला वोटर 5 करोड़ 82 लाख 51 हज़ार 362 है. वहीं, पुरूष मतदाताओं में 46 फीसदी वोटर 35 वर्ष से कम आयु के हैं.


आगे आ रहे हैं युवा
यानी इस बार इन पंचायत चुनाव में ये युवा वोटर ही गांव की सरकार चुनने में बड़ी भूमिका निभाएंगे और शायद यही वजह है कि इस बार इन पंचायत चुनाव में युवा बड़ी संख्या में चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतर रहे हैं. इन पंचायत चुनाव में चाहे ग्राम प्रधान का पद हो, चाहे ग्राम पंचायत सदस्य का पद हो या फिर क्षेत्र पंचायत सदस्य का पद हो या फिर वो जिला पंचायत सदस्य का ही पद क्यों ना हो, सभी जगहों पर युवा उम्मीदवारों की संख्या काफी देखने को मिल रही है.


युवाओं को आगे आना होगा
एबीपी गंगा की टीम जब लखनऊ के बख्शी का तालाब ब्लॉक पहुंची तो वहां पर भी नामांकन पत्र लेने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की ही थी. युवाओं से बात पूछा कि आखिर इस बार प्रधानी का ये चुनाव युवाओं को इतना आकर्षित क्यों कर रहा है तो इन युवाओं का साफ तौर पर कहना था कि अगर गांव का विकास करना है तो युवाओं को आगे आना होगा और खुद प्रधानमंत्री भी इस बात को कहते हैं कि युवाओं को विकास के लिए आगे आना चाहिए. हमें कुछ ऐसे भी युवा मिले जो कहीं प्रोफेसर हैं, किसी का अपना कारोबार है, लेकिन उसके बावजूद वो इस बार प्रधानी के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं.


अहम होगी भूमिका
वहीं, बख्शी का तालाब के एडीओ पंचायत अभिलाष कुमार का भी कहना है कि इस बार युवाओं में इन चुनावों को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है. नामांकन पत्र खरीदने आने वालों में लगभग 50 फीसदी युवा ही हैं. जाहिर है इस बार गांव की सरकार चुनने में इन युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी.


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