UP Panchayat Election: लोग बोले- आज भी गुलामों की तरह जी रहे हैं, दबंगों ने नहीं करने दिया वोट
यूपी के रायबरेली के लोगों का कहना है कि देश तो 70 साल पहले आजाद हो गया था लेकिन वो आज भी गुलामों की तरह जी रहे हैं. पहले अंग्रेजो के गुलाम थे और आज सामंतों के. गांवों में आज भी दशकों पुरानी सामंतवादी राजनीति चल रही है.
रायबरेली: चुनाव आयोग यूपी में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए अधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश जारी कर रह है. साथ ही जिनके कंधों पर इस चुनाव को संपन्न कराने की जिम्मेदारी है उनसे समय-समय पर फीडबैक भी लिया जा रहा है. लेकिन, गांवों में आज भी दशकों पुरानी सामंतवादी राजनीति चल रही है.
थानेदार ने नहीं सुनी शिकायत
ताजा मामला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर उस समय देखने को मिला जब हाथों में तख्तियां लिए लगभग 50 से ज्यादा महिलाएं और पुरुष नारेबाजी करते हुए नजर आए. इन लोगों का आरोप है कि पिछले सात दशकों से इनके यहां एक ही परिवार में प्रधानी और ब्लॉक प्रमुखी है. इस बार लोगों ने अपने बीच के व्यक्ति को प्रधान का चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया तो मतदान नहीं करने दिया गया, साथ ही मारपीट करने के साथ बेइज्जत भी किया गया. शिकायत थानेदार ने नहीं सुनी है, आज भी गुलामों की तरह जी रहे हैं. मामला जगतपुर थाना क्षेत्र के सांधु कुंवा ग्राम सभा का है.
गुलामों की तरह जी रहे हैं
हाथों में "हमे दबंगों से आजादी चाहिए" और "हम सत्तर साल से गुलाम है" लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे लोग जगतपुर थाना क्षेत्र के जगतपुर थाना क्षेत्र के सांधु कुंवा ग्राम सभा के रहने वाले हैं. ये सभी न्याय की गुहार लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक की चौखट पर पहुंचे. इनकी मानें तो देश तो 70 साल पहले आजाद हो गया था लेकिन वो आज भी गुलामों की तरह जी रहे हैं. पहले अंग्रेजो के गुलाम थे और आज सामंतों के.
मारपीट और गाली गलौज की गई
लोगों का कहना है कि सांधु कुंवा ग्राम सभा में पिछले सात दशकों से प्रधानी और ब्लॉक प्रमुखी क्षेत्र के एक दबंग सामंती के यहां है, जिसकी वजह गांव का विकास नहीं हुआ. इस बार सीट आरक्षित होने पर अपने बीच के एक व्यक्ति को चुनाव में खड़ा किया. मतदान के दिन दोपहर के बाद दबंग जबरिया वोटिंग कराने लगे. विरोध किया तो मारपीट और गाली गलौज की गई. इसकी शिकायत थाने पर की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मजबूरन न्याय मांगने के लिए अधिकारी के पास आना पड़ा है.
वोट नहीं डालने दिया
पीड़ित ग्रामीण महिला मंगली का कहना है कि '' मैं वोट डालने गई थी तो वहां गांव के कुछ लोगों वे हमें वोट नहीं डालने दिया. मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई, जिससे मेरे हाथ में मोच आ गई. हमने इसकी शिकायत थाने में की लेकिन सुनवाई नहीं हुई. हम लोग न्याय के लिए एसपी ऑफिस आए हैं.''
मारपीट का मामला सामने आया है
वहीं, पूरे मामले को लेकर सीओ सिटी महिपाल पाठक ने बताया कि मारपीट का मामला सामने आया है. इस क्रम में हमने सीओ डलमऊ से वार्ता की है. प्रार्थना पत्र को वहां रेफर कर दिया है. वो जांच कर कार्रवाई करेंगे.
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