लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर पंचायती राज विभाग ने आरक्षण नियमावली से जुड़ा शासनादेश जारी कर दिया है. चुनाव में रोटेशन व्यवस्था से रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरक्षण लागू करने में 1995 से अब तक के पिछले 5 चुनाव का संज्ञान लिया जा रहा है. सबसे पहले वहां आरक्षण लगाया जाएगा जहां पहले आरक्षण नहीं लगा. यानी जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उन्हें वरीयता दी जाएगी. इसके अलावा पिछले पांच चुनावों के वह पद किसके लिए आरक्षित थे उसका संज्ञान लिया जाएगा.


अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के पदों का आरक्षण ज़ारी किया जाएगा. इसके अलावा जिले स्तर पर ग्राम पंचायतों का आरक्षण ज़ारी किया जाएगा. 2015 में आरक्षण की जो स्थिति रही वह 2021 में नहीं होगी. यानी जो पद शेड्यूल कास्ट या फिर शेड्यूल कास्ट महिला के लिए हैं, वे अनारक्षित व ओबीसी हो सकते हैं. कोई भी ऐसा पद जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं किया गया है वह शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित होगा.


आरक्षण को लेकर अपनायी जाएगी ये प्रक्रिया


जैसे जिला पंचायत का कोई अध्यक्ष पद आरक्षित नहीं रहा तो वह आरक्षित हो सकता है. इसी तरह बाकी पदों का आरक्षण देखा जाएगा. प्रदेश में 2 जिला पंचायत ऐसी थीं जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं हुईं. वहीं 7 जिला पंचायतें ऐसी थी जो महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुई. 11 से 15 फरवरी के बीच जिला पंचायतों की सीटें आरक्षित होंगी.


प्रदेश के 826 ब्लॉक में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा और पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी. जिसे आपत्ति दर्ज करानी हो 2 मार्च से 8 मार्च तक लिखित दर्ज करानी होगी. अगले एक महीने में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों का आरक्षण निर्धारण होगा. अप्रैल में 58,194 ग्राम पंचायतों, 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्यों, 75,855 क्षेत्र पंचायत सदस्यों, 3,051 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव कराया जाएगा. इसके बाद 826 ब्लाक प्रमुखों व 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का.


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