गाजीपुर. प्रदेशभर में हुए पंचायत चुनाव की मतगणना संपन्न हो गई है. दो अप्रैल को सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हुई थी. प्रदेश के बाकी जिलों की तरह गाजीपुर में भी मतगणना का काम पूरा हो गया है. मतगणना के अगले दिन जीते हुए प्रत्याशियों का प्रमाण पत्र अगले दिन तक किसी भी हाल में मिल जाना चाहिए था, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी बुधवार देर रात तक 67 प्रत्याशियों में से सिर्फ 61 प्रत्याशियों को ही प्रमाण पत्र मिल पाया. बाकी 6 प्रत्याशी अपने-अपने प्रमाण पत्र का इंतजार कर रहे हैं. मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी मंगला प्रसाद प्रमाण पत्र वितरण स्थल पर पहुंचे. जिलाधिकारी ने इस कार्य में लगे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि जब तक प्रमाण पत्र वितरित नहीं हो जाएगा तब तक कोई भी अपने घर वापस नहीं जाएगा.
प्रमाण पत्र के लिए भटकते रहे प्रत्याशी
बीती रात प्रत्याशी प्रमाण पत्र के लिए भटकते नजर आए. रात 10 बजे तक जनपद के 67 जिला पंचायत सदस्यों में से मात्र 61 प्रत्याशियों को ही प्रमाण पत्र वितरण हो पाया था. प्रमाण पत्र वितरण में लेट होने की जानकारी पर जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ओम वितरण स्थल पर पहुंचे. उन्होंने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को गुरुवार सुबह बैठक के लिए बुलाया.
वहीं, स्थल पर मौजूद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह निर्देश दिया कि रात चाहे जितनी भी हो जाए हर हाल में आज रात में सभी का प्रमाण पत्र वितरण हो जाना चाहिए.
लेटलतीफी से हुआ विवाद
वहीं, प्रमाण पत्र वितरण में लेट होने की वजह से कई जगह विवाद की स्थिति भी बनी. रेवतीपुर द्वितीय को लेकर बुधवार पूरे दिन गहमागहमी रही. दरअसल, यहां के प्रत्याशी कुश सिंह ने अपने को जीता मान लिया था जबकि आंकड़ों के अनुसार प्रत्याशी मनीष पांडेय 36 वोटों से विजयी हुए थे. उन्हें भी देर रात तक अपने प्रमाण पत्र के लिए इंतजार करना पड़ा. हालांकि, इस मामले पर जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी विवाद नहीं है सब कुछ पारदर्शी है, जिन्हें भी आपत्ति है वह अपना रिकॉर्ड देख सकते हैं. अगर किसी को सिर्फ विवाद के लिए ही विवाद करना है तो वह अलग की बात है.
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