यूपी में इन स्कूलों के लिए खतरे की घंटी! सीएम योगी के सख्त निर्देश से बदल जाएगा ये 'सिस्टम'?
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर एक अहम बैठक की और इसमें अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए.
UP News: उत्तर प्रदेश में अब उन स्कूलों के लिए खतरे की घंटी है जिनका ट्रैक रिकॉर्ड साफ सुथरा नहीं है. योगी सरकार ने फैसला किया है कि अब उन्हीं स्कूलों और डिग्री कॉलेजों को परीक्षा सेंटर बनाया जाएगा जिनकी स्थिति हर चीज में बेहतर हो. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर एक बैठक में कहा कि चयन परीक्षाओं के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा सम्पन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थानों को ही सेंटर बनाया जाए. सेंटर वहीं होंगे, जहां सी0सी0टी0वी0 की व्यवस्था होगी.
सीएम ने कहा कि यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों. परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए. यदि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो सम्बन्धित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो. केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. जिलाधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें. गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
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कैलेंडर समय से जारी करें- सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक, प्राविधिक, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है. इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं, अध्यक्ष की नियुक्ति भी यथाशीघ्र कर दी जाएगी. नवगठित आयोग से चयन की कार्यवाही समय से प्रारम्भ करने की अपेक्षा है.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वह भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेण्डर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें. कैलेण्डर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए. सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय से यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए. ऐसा होने से एक ओर जहां परीक्षा आयोजकों/स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी होगी, वहीं युवाओं को भी बड़ी सुविधा होगी. कतिपय पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में ’समकक्ष योग्यता’ के सम्बन्ध में विसंगतियों की सूचना प्राप्त हुई है. सम्बन्धित विभाग द्वारा प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए.