UP Paper Leak Rule: यूपी में सिपाही भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा में हुए पेपर लीक को देखते हुए योगी सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लेकर आएगी. इसके तहत पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. वहीं, पेपर लीक या अन्य कारणों से परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले खर्च की भरपाई सॉल्वर गैंग से वसूली कर की जाएगी. साथ ही परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.


एक प्रेस नोट में योगी सरकार की ओर से बताया गया कि  सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, पेपरलीक को रोकने, साल्वर गिरोह पर प्रतिबन्ध लगाने और उससे जुड़े और उसके आनुषगिक मामलो का प्रावधान करने के उद्देश्य से भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड-(1) द्वारा प्रदत शक्तियो का प्रयोग करके उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोक्थाम) अध्यादेश, 2024 का प्रख्यापन प्रस्तावित किया जा रहा है. उक्त परीक्षा प्राधिकारियों जैसे- उ०प्र० लोक सेवा आयोग, उ०प्र० अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उ०प्र० बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्था भी सम्मिलित है. उक्त अधिनियम का विस्तार सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाए, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा.


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ये काम करना अब दण्डनीय अपराध
सरकार ने कहा कि फर्जी प्रश्नपत्र बाटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना इत्यादि भी दण्डनीय अपराध बनाये गये हैं. अधिनियम के प्राविधानों के उल्लघन के लिये न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास का दण्ड तथा एक करोड़ रूपये तक के दण्ड का भी प्राविधान किया गया है.


जानकारी दी गई कि उक्त के अतिरिक्त यदि परीक्षा प्रभावित होती है, तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कम्पनियों तथा सेवा प्रदाताओं को सदैव के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्रावधान किया गया है.


योगी सरकार ने बताया कि अधिनियम में अपराध की दशा में सम्पत्ति की कुर्की भी प्राविधानित की गयी है. अधिनियम के समस्त अपराध संज्ञेय. गैर जमानतीय एवं सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय एवं अशमनीय बनायी गयी है. जमानत के सम्बन्ध में भी कठोर प्राविधान किये गये हैं.


सरकार ने कहा कि वर्तमान में विधानमण्डल के सत्र में न होने के कारण विधेयक के स्थान पर अध्यादेश का प्रस्ताव किया जाना समीचीन होगा. अतः उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश, 2024 प्रख्यापित किये जाने के संबध में प्रस्ताव किया गया है.