UP News: बीते छह साल में यूपी पुलिस (UP Police) ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के 6 गुर्गों को एनकाउंटर में ढेर किया है. जबकि अतीक अहमद (Atique Ahmad) के गैंग का कोई भी सदस्य नहीं मारा गया. मुख्तार गिरोह के 178 सदस्य गिरफ्तार हुए लेकिन अतीक के सिर्फ 14 सदस्यों को पुलिस दबोच सकी. मुख्तार गिरोह के 167 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए पर अतीक के गिरोह के सिर्फ 68 सदस्य के लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई हुई.
मुख्तार अंसारी गैंग के छह सदस्यों पर रासुका लगी लेकिन अतीक के गैंग के एक भी सदस्य के खिलाफ रासुका की कार्रवाई नहीं हुई. मुख्तार के 71 सदस्य की हिस्ट्रीशीट खुली जबकि अतीक के सिर्फ 22 सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोली गई. मुख्तार के 128 सदस्यों पर गैंगस्टर लगाया गया अतीक के सिर्फ 21 सदस्यों पर गैंगेस्टर लगा.
सिर्फ संपत्तियों के मामले में अतीक के खिलाफ मुख्तार से ज्यादा कार्रवाई हुई. अतीक की बीते छह साल में 1168 करोड़ रुपए की वैध अवैध संपत्तियों पर पुलिस प्रशासन ने जब्तीकरण या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की. जबकि मुख्तार की 573 करोड़ों रुपए की संपत्तियों पर कार्रवाई हुई.
पुलिस के हर कदम की जानकारी
अतीक को पुलिस के हर कदम की पहले जानकारी मिलती रही. अतीक के भाई अशरफ ने सरेंडर किया और पुलिस को भनक नहीं लगी. इसी तरह सीबीआई के मामले में ढाई लाख रुपए के इनामी अतीक के बेटे उमर ने भी बड़े आराम से कोर्ट में सरेंडर कर दिया. न सीबीआई को पता चला न प्रयागराज की पुलिस और खुफिया इकाई को भनक लगी.
अतीक के दूसरे बेटे अली को एसटीएफ ने कोलकाता में लोकेट किया. एसटीएफ ने घेराबंदी की लेकिन सूचना लीक हो गई और एक घंटा पहले ही अली भाग निकला. बाद में अली ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया. अब बीते 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. जिसके बाद मुख्तार और अतीक पर हुई कार्रवाई की चर्चा की जा रही है.