मेरठ। मेरठ का सोतीगंज, उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में चोरी और लूट की गाड़ियों की खरीद फरोख्त के लिए बदनाम है. आज आपको 'ऑपरेशन कबाड़ी' के तहत यहां की सच्चाई से रूबरू करवाएंगे.
यहां सोतीगंज की छतों, घरों और गोदामों में गाड़ियों के पार्ट्स, चेसि और इंजन भारी तादात में रखे हुए हैं. लेकिन मेरठ पुलिस की आंखें इनको देखने के लिए बंद हो जाती हैं. जबकि मेरठ पुलिस खुद कबूल करती है कि सोतीगंज में चोरी और लूट की गाड़ियों की खरीद फरोख्त का अवैध कारोबार होता है. इस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने उन कबाड़ियों को चिन्हित भी कर लिया है जो इस तरह के कारोबार में संलिप्त हैं. इसी धंधे से उन्होंने करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा कर रखी है.
कई सालों से हो रहा कारोबार
दरअसल, मेरठ के सोतीगंज में ये अवैध कारोबार पिछले कई वर्षों से होता आ रहा है. पुलिस की नजर इस कारोबार पर कभी नहीं पड़ी. जब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक बीजेपी के नेताओं ने ही की तो मेरठ पुलिस एक्शन में आ गई. अब इस कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने का दावा करते हुए हाजी इकबाल समेत कई कबाड़ियों के घर और गोदाम में छापेमारी कर भारी तादाद में गाड़ियों के पार्ट्स, चेसिस और इंजन बरामद किया है.
दूसरे राज्यों में भी बेची जाती हैं गाड़ियां
मेरठ के सोतीगंज में चोरी और लूट की गाड़ियों को खरीद कर उनके इंजन और चेसिस नंबर को बदलकर दूसरे राज्यों में भी बेचने का भी कारोबार किया जाता है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सोतीगंज इस अवैध कारोबार के लिए बदनाम है. अब मेरठ पुलिस दावा कर रही है कि इस अवैध कारोबार को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा. साथ ही जो भी लोग इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैंस उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए उनकी उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी.
सवाल इस बात का है कि वर्षों से चले आ रहे इस कारोबार पर मेरठ पुलिस की अब तक नजरें इनायत क्यों रही ?. क्यों नहीं इस कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए मेरठ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की. यही वजह है कि अब भी विश्वास नहीं होता कि इस कार्रवाई से वर्षों से फलफूल रहे इस कारोबार पर अंकुश लग पायेगा.
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