UP Police Alankaran Samaroh: आईपीएस लक्ष्मी सिंह ने घर-घर तक पहुंचाया 'मिशन शक्ति' अभियान, उत्कृष्ट सेवा मेडल से किया गया सम्मानित
IPS Laxmi Singh: मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित आईपीएस लक्ष्मी सिंह (IPS Laxmi Singh) ने अपराधियों पर नकेल कसने के साथ ही महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी अहम योगदान दिया है.
UP Police Alankaran Samaroh IPS Laxmi Singh : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) ने आज पुलिस अलंकरण समारोह (Police Alankaran Samaroh) में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कई पुलिस अधिकारियों को पदक (Medal) वितरित किए. समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस लक्ष्मी सिंह (IPS Laxmi Singh) को उत्कृष्ट सेवा मेडल से सम्मानित भी किया.
महिला सुरक्षा के क्षेत्र में दिया उल्लेखनीय योगदान
मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित आईपीएस लक्ष्मी सिंह ने दुर्दांत अपराधियों पर नकेल कसने के साथ ही सामाजिक और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने मिशन शक्ति अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचाया. उनके प्रयास से ही लखनऊ रेंज के सभी जिलों में महिला से संबंधित अपराधों पर ना सिर्फ अंकुश लग सका बल्कि महिलाओं में जागरूकता भी आई. मिशन शक्ति अभियान में उनकी भूमिका को देखते हुए शासन ने उन्हें नोडल अधिकारी भी बनाया है.
मिल चुके हैं पुरस्कार
2000 बैच की आईपीएस लक्ष्मी सिंह जब सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद में ट्रेनिंग कर रही थीं, तभी से उनकी प्रतिभा का उजाला फैलने लगा था. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें प्रोबेशनर घोषित किया गया था. प्रधानमंत्री की तरफ से उन्हें सिल्वर बैटन और केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 9 एमएम की एक पिस्टल पुरस्कार स्वरूप दी गई है.
अपने काम से बनाई अलग पहचान
आईपीएस लक्ष्मी सिंह जहां भी रहीं, उन्होंने अपने काम से अलग पहचान बनाई. वाराणसी, चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत, बुलंदशहर में एसपी और एसएसपी पद पर रहते हुए उन्होंने माफिया और संगठित अपराध के खिलाफ जबरदस्त कानूनी कार्रवाई की. कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा. जन शिकायतों के निस्तारण में उल्लेखनीय योगदान दिया.
दुर्दांत अपराधियों का किया एनकाउंटर
लक्ष्मी सिंह ने कई इनामी डकैतों और दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर भी किया. वो एसटीएफ में भी बतौर डीआईजी तैनात रहीं और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चलाए. आईजी बनने के बाद उन्हें मेरठ की पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में तैनात किया गया जहां उन्होंने ट्रेनिंग स्कूल की सूरत ही बदल दी. अपनी मेहनत से उन्होंने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया. ये उनका ही प्रयास था जो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मेरठ के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल को भारत का नंबर वन संस्थान घोषित करते हुए 2 लाख रुपये का इनाम दिया था.
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