UP News: उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर एनकाउंटर पर सियासत तेज है, अब इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर जाति के नाम पर एनकाउंटर का आरोप लगा रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि साल 2017 से लेकर 2023 तक योगी सरकार में यूपी पुलिस-एसटीएफ ने जिन अपराधियों का एनकाउंटर किया है उनमें सबसे अधिक मुस्लिमों की संख्या है.


जानें क्या है मीडिया रिपोर्ट्स में दावा


उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि साल 2017 से लेकर 2023 के अंदर प्रदेश में कुल 183 अपराधी मारे गए हैं. अगर मीडिया रिपोर्ट्स के आंकड़ों पर नजर डालें तो एनकाउंटर में मारे गए इन 183 अपराधियों में 61 मुस्लिम, 18 ब्राह्मण, 16 ठाकुर, 15 जाट और गुर्जर, 14 यादव, 13 दलित, 3 आदिवासी, 2 सिख, 7 ओबीसी और 34 अन्य मारे गए हैं.  इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में मार्च 2017 से अगस्त 2024 तक हुए एनकाउंटर में 207 अपराधी मारे गए हैं. सिर्फ यूपी एसटीएफ ने मई 2023 से 5 सितंबर 2024 तक मुठभेड़ में कुल 9 अपराधियों को मार गिराया. 


वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के इन एनकाउंटर के आंकड़ों पर समाजवादी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. इन आंकड़ों पर सपा प्रवक्ता मनोज काका ने कहा कि इन आंकड़ों को पूरा देश देख रहा है. यूपी में हुए एनकाउंटरों पर नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने कहा है कि सबसे अधिक फेक एनकाउंटर यूपी में हुए हैं. दुनियाभर के आंकड़े जो आए हैं वह बताते हैं उसके प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं. जाति से बड़ा सवाल है कि आप लोगों का नहीं, अपराधियों का नहीं आप निर्दोषों लोगों की हत्या कर रहे हैं और उसका ज्वलंत उदाहरण मंगेश यादव हैं. कई सारे मुस्लिम भाईयों को भी जो किसी क्राइम में नहीं थे पुलिस ने उनका भी एनकाउंटर कर दिया.


सपा प्रवक्ता मनोज काका ने कहा जो ये आंकड़ें आए हैं कि मुस्लिम 61 मारे गए हैं सवाल मेरा यह कि उनमें मुस्लिमों का ही क्यों सबसे अधिक एनकाउंटर हुआ. अगर यूपी में टॉप अपराधियों की लिस्ट देखी जाए तो उसमें मुख्यमंत्री की स्वजाति के लोग हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव भी लगातार कह रहे हैं छोटे तबकों के लोगों को फंसाकर उनका एनकाउंटर किया जा रहा है, जो टॉप लेवल के अपराधी हैं उनके एनकाउंटर पर पुलिस के हाथ कांप जाते हैं. एनकाउंटर अपराधी का हो तो हम उसका समर्थन करेंगे लेकिन अगर आप जाति देखकर एनकाउंटर करेंगे तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.


अपराधियों की जाति देखना कानून-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा- बीजेपी


इसके साथ ही बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस मामले पर कहा विपक्ष जरा उन आंकड़ों को ध्यान से देख ले क्योंकि विपक्ष कहता था कि सबसे अधिक एनकाउंटर यादवों के हुए हैं. अब आंकड़े उनके विपरीत हैं, लेकिन किसी अपराधी की जाती नहीं होती है. भारत में पीड़ित की जाति देखी जाती थी, जाति आधार पर प्रताड़ित किया जाता था जो दुर्भाग्य पूर्ण रहा है. समाजवादी पार्टी अपराधियों की जाति देख रही है और अब तो कांग्रेस भी अपराधियों की जाति देख रही है. अपराधियों की जाति देखना कानून-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है.


इसके साथ ही बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. योगी सरकार ने किसी भी अपराधी की जाति नहीं देखी है उसके अपराध देखे हैं. कोई भी पुलिस पर गोली चलाने का कार्य करेगा तो पुलिस को अधिकार है अपनी जान बचाने के लिए वह गोली चलाए. वहीं मंगेश यादव के एनकाउंटर पर राकेश प्रताप ने कहा कि मंगेश यादव के खिलाफ कई जिलों में केस दर्ज थे, अखिलेश यादव उन अपराधों को भी देखें. 


जाति और धर्म देखकर एनकाउंटर हो रहे- कांग्रेस


कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने इन आंकड़ों पर कहा कि जब से यूपी में बीजेपी सरकार आई है तभी से प्रदेश जंगलराज बन गया है. सरकार जाति-धर्म देखकर निशाना बना रही है. जबकि अपराधियों का कोई जाति-धर्म नहीं होता है और इसी कारण जो अपराधी हैं जिनको सरकार का संरक्षण हैं उनके हौंसले बुलंद हैं. प्रदेश में जाति और धर्म देखकर एनकाउंटर हो रहे हैं और अपराध दिन व दिन बढ़ते जा रहे हैं. वहीं एनएचआरसी की जो रिपोर्ट है उसमें भी यह कहा गया है कि जब से बीजेपी सरकार आई है तब से फेक एनकाउंटर की संख्या बढ़ी है. 


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