बता दें कि पेपर लीक के बाद दोबार हुई यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए योगी सरकार ने इस बार परीक्षा माफियाओं की तोड़ निकाली. यूपी की पुलिस भर्ती परीक्षा चयन परीक्षाओं के लिए मानक बनी है और पांच दिन में संपन्न हुई है. इस लिखित परीक्षा के लिए कहीं न कोई अव्यवस्था, न ही पेपर लीक. प्रश्न पत्र निर्धारण से लेकर छपाई और वितरण तक हर चरण की निगरानी और हर काम के लिए अलग एजेंसी को मिली जिम्मेदारी थी.
इस लिखित परीक्षा के लिए केवल सरकारी संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया था और पूरी परीक्षा AI आधारित सीसीटीवी की निगरानी में हुई थी. सीसीटीवी को भर्ती बोर्ड के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया और परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों आधार सत्यापन हुआ. इसके साथ ही अभ्यर्थियों की प्रभावी तलाशी और जाँच (HHMD द्वारा) पुलिस कर्मियों द्वारा सुनिश्चित की गई. वहीं महिला अभ्यर्थियों की चेकिंग केवल महिला पुलिस कर्मियों द्वारा की गई और परीक्षा केन्द्र व उनके परीक्षा कक्षों में, एन्ट्री/एग्जिट द्वार पर, स्ट्रांग रूम, परीक्षा केन्द्र के कॉरिडोर आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी लगाये गए.
वहीं सभी अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन के अतिरिक्त डिजिटल फोटो कैप्चरिंग, फेशियल रिकग्निशन, बायोमैट्रिक्स (फिंगर प्रिन्ट/आइरिश) एवं शत-प्रतिशत रियल टाइम आधार सत्यापन के उपरांत ही परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति प्राप्त हुई. कैमरों की मॉनिटरिंग जनपदीय कन्ट्रोल रूम एवं कमाण्ड सेन्टर, उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की गई.
इसके साथ ही गोपनीय सामग्री की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए विशेष स्थान ट्रेजरी/चिन्हित स्ट्रांग रूम पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये गए. जिसका 24x7 लाइव मॉनीटरिंग किये जाने का प्रावधान किया गया. गोपनीय सामग्री के सुरक्षित परिवहन हेतु प्रत्येक केन्द्र के लिए एक डेडिकेटेड वाहन एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट पर्याप्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों सहित का प्राविधान किया गया. परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा की शुचिता एवं सुगम संचालन हेतु प्रत्येक केन्द्र पर एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया.
खैर विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टियों के पास पहुंचे दर्जनों आवेदन, असमंजस की बनी स्थिति