UP Politics: भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य बना रही है. 2019 में हारी हुई 14 सीटों पर पार्टी की तैयारी काफी जोर शोर से जारी है. वहीं 2024 में कठिन लग रही सीटों पर भी पार्टी अलग-अलग रणनीति बना रही है. मंगलवार को हुए राज्यसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के सात विधायकों की टूट, और आठवें का वोट देने ना आने का फायदा भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा में मिलने वाला है.
अमेठी में ये करेंगे मदद
2019 का लोकसभा चुनाव भले ही स्मृति ईरानी ने जीत लिया हो लेकिन एक जब 2024 का चुनाव अब सामने है और राहुल गांधी एक बार फिर से अमेठी लड़ने का मन बना रहे हैं उस कड़ी में अमेठी में भारतीय जनता पार्टी की कोशिश उनको एक बार फिर से पटखनी देने की है. राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह का क्रॉस वोटिंग करने के बाद अब लोकसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी को समर्थन करने वाले हैं .
वहीं समाजवादी पार्टी से दूसरी विधायक महाराजी देवी का राज्यसभा के लिए वोट ना देना भी भाजपा के खेमे के लिए फायदेमंद रहा. सूत्रों की माने तो महाराजी देवी भी भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में समर्थन देने वाली हैं . इस कड़ी में अमेठी की दो विधानसभा सीटों पर मौजूद विधायक आगामी लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे, इससे 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर भाजपा पहले से खुद को मजबूत महसूस करेगी.
रायबरेली सीट में भी मिलेगा सहयोग
रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट से विधायक और समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय ने भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को राज्यसभा में वोट किया है. मनोज पांडेय ने मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा देने के बाद खलबली मचा दी थी. अब जब वह भारतीय जनता पार्टी के पाले में आकर खड़े हो गए हैं तो इस बात से भाजपा वहां पहले से मजबूत स्थिति में पहुंच जाएगी है. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि ,संभावना इस बात की भी है कि रायबरेली से भारतीय जनता पार्टी मनोज पांडेय को प्रत्याशी बना सकती है.
कौशांबी हुई और मजबूत
कौशांबी लोकसभा सीट पर भले ही मौजूदा स्थिति में भारतीय पार्टी का विधायक है, पर वहां से 2022 के विधानसभा चुनाव में कौशांबी की तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी इस सीट को लेकर काफी टेंशन में थी, पर अब कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल को अपने पाले में लाकर कौशांबी के गढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी मजबूत स्थिति में दिख रही है. वहीं इस चुनाव में राजा भैया की पार्टी ने भी भाजपा को समर्थन किया है , जिसमें राजा भैया की पार्टी के दोनों विधायक कौशांबी लोकसभा सीट के अंतर्गत ही आने वाले विधानसभा सीटों से विधायक है.
अंबेडकर नगर में भी होगा फायदा
जिन विधायकों ने कल भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट दिया है उसमें अंबेडकर नगर लोकसभा के अंदर आने वाली जलालपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश पांडेय और गोसाईगंज विधानसभा सीट से विधायक अभय सिंह भी हैं. इन दोनों समाजवादी पार्टी के विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में पक्ष में वोट देने के बाद अब अंबेडकर नगर की लोकसभा सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी मजबूत स्थिति में है. 2022 में विधानसभा चुनाव में अंबेडकर नगर जिले के आने वाली सभी पांच विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी हाल ही . हाल ही में अंबेडकर नगर सीट से मौजूदा सांसद रितेश पांडेय ने भी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है और माना जा रहा है कि रितेश पांडेय को भाजपा अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ाएगी . रितेश पांडे , राकेश पांडेय के बेटे हैं.
शिवपाल यादव को कमजोर करने की कोशिश
समाजवादी पार्टी में बदायूं से इस बार शिवपाल यादव को चुनाव मैदान में उतारा है.शिवपाल यादव के आने के बाद बदायूं सीट को लेकर भी भाजपा चिंतित है. इसी रणनीति में भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं की बिसौली विधानसभा सीट से विधायक आशुतोष मौर्य को अपने पाले में कर लिया है. आशुतोष मौर्या ने भी राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिया है . भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि बदायूं सीट पर भी तगड़ी किलेबंदी करे और सपा के कद्दावर नेता को इस चुनाव में जीत से दूर रखे.
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