प्रयागराज: इसी महीने की शुरुआत में प्रयागराज में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. वारदात के दो हफ्ते बाद पुलिस ने मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि वारदात के पीछे छेमार गैंग का हाथ था. पुलिस ने इस गैंग के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है. गिरोह का सरगना 14 जुलाई को पहले ही रामपुर में दूसरे मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किया गया चापड़, कुल्हाड़ी, दो चाकू, चोरी का मोबाइल और लूट के 9 हजार रूपये बरामद किये हैं. अफसरों का दावा है कि छेमार गैंग के सदस्य इससे पहले भी देश के तीन राज्यों में इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.
वारदात के पीछे लूट
पुलिस के मुताबिक छेमार गैंग का टीम लीडर वही बदमाश हो सकता है, जिसने कम से कम 6 हत्याएं की हों. 6 हत्याओं वाले बदमाश को ही टीम लीडर बनाए जाने की वजह से गैंग को छेमार गैंग कहा जाता है. पुलिस ने इस मामले में साक्ष्य मिटाने के आरोप में इलाके के रहने वाले एक होमगार्ड को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पुलिस के मुताबिक इस सनसनीखेज वारदात को सिर्फ लूट की वजह से अंजाम दिया गया था.
'घुमंतू जाति के होते हैं छेमार गैंग के लोग'
एसएसपी अभिषेक दीक्षित के मुताबिक घटना के खुलासे के लिए चार पुलिस की टीमें लगाई गई थी. पुलिस की टीमों ने ऑपरेशन बंजारा चलाया था, जिसके चलते इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री के आरोपियों तक पुलिस पहुंच सकी है. एसएसपी के मुताबिक, छेमार गैंग के लोग घुमंतू जाति के खानाबदोश लोग होते हैं, जो दिन में डेरा डालकर प्रवास करते हैं और रेकी भी करते हैं. ये लोग फिर रात में लूटपाट और हत्या की वारदात को अंजाम देते हैं.
तीन पुलिसकर्मी सम्मानित
एसएसपी के मुताबिक गैंग के सरगना को भी पुलिस जल्द रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ करेगी. उन्होंने बताया कि छेमार गैंग के लोग यूपी के साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और राजस्थान में भी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं और गैंग के कई सदस्य जेल भी जा चुके हैं. उन्होंने कहा है कि जिले में खानाबदोश और घुमंतू जातियों के लोगों का वेरीफिकेशन आगे भी कराया जायेगा. एसएसपी ने घटना के खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाले तीन पुलिस कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित भी किया है.
गौरतलब है कि प्रयागराज के होलागढ़ इलाके के देवापुर गांव में 2 जुलाई की रात को एक ही परिवार के चार लोगों की उनके ही घर में हत्या कर दी गई थी. परिवार की एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और वह बोलने की स्थिति में नहीं है. मौत के घाट उतारे गए लोगों में घर पर ही क्लीनिक चलाने वाले विमलेश पांडेय, इकलौते बेटे प्रिंस, दो बेटियों सृष्टि और श्रेया को धारदार हथियार से हमला किया गया था. विमलेश की पत्नी रचना पांडेय गंभीर रूप से जख्मी हुई थीं और उन्हें अब भी वेंटिलेटर पर रखा गया है. विमलेश और उनके परिवार की किसी से कोई रंजिश नहीं थी. उनके भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कराई थी.
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