UP Police Constable Bharti Exam: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पहले दिन एसटीएफ की गोरखपुर इकाई ने सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया. बक्शीपुर के इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पहली पाली की परीक्षा चल रही थी. परीक्षा केंद्र से सॉल्वर और अभ्यर्थी को एसटीएफ ने धर दबोचा. सॉल्वर की पहचान अंजनी कुमार उर्फ मनीष कुमार सिंह के रूप में हुई है. बिहार के नवादा जिले का निवासी अंजनी कुमार रेलवे में स्टेशन मास्टर के पद पर तैनात है. उसकी तैनाती पूर्व मध्य रेलवे बिहार के सिंधिया घाट स्टेशन कुरुवा चैनपुर में है. आरोप है कि अंजनी कुमार गोरखपुर के रहनेवाले अभ्यर्थी दुर्गेश यादव की जगह पर परीक्षा दे रहा था.


रेलवे का स्टेशन मास्टर है सॉल्वर


यूपी एसटीएफ ने सॉल्वर अंजनी कुमार और अभ्यर्थी दुर्गेश यादव को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दोनों से कोतवाली थाना में पूछताछ की जा रही है. आरोपियों के पास से तीन कूटरचित आधार कार्ड, एक पुलिस रिक्रूटमेन्ट सिक्योरिटी एजेन्सी का पहचान पत्र, तीन एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड, एक रेलवे का पहचान कार्ड, दो मोबाइल और एक बाइक बरामद किया गया है. एसटीएफ की पूछताछ में अंजनी कुमार ने सनसनीखेज खुलासा किया. उसने बताया कि दो भाइयों प्रफुल और अन्नू से जान पहचान है. दोनों भाइयों ने सद्दाम से बात कराई.


अभ्यर्थी भी चढ़ा एसटीएफ के हत्थे


सद्दाम ने अभ्यर्थी दुर्गेश यादव की जगह सॉल्वर बनने की बात कही. पूछताछ में खुलासा हुआ कि परीक्षा केंद्र के गेट पर बायोमैट्रिक से एंट्री कराने वाली कंपनी का फील्ड मैनेजर आकाश राव है. आकाश ने सिक्योरिटी एजेन्सी का कार्ड बनाकर परीक्षार्थी दुर्गेश यादव की ड्यूटी परीक्षा केन्द्र के गेट पर लगा दी थी. सॉल्वर के आने पर दुर्गेश ने अपना अंगूठा लगाकर एंट्री अन्दर करा दी. दुर्गेश यादव उर्फ अंकित से भी पूछताछ में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है. दुर्गेश के रिश्तेदार संदीप यादव ने सॉल्वर की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया था. संदीप यादव गोरखपुर के बनौरा गांव का रहने वाला है. 


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