यूपी: कैबिनेट मंत्री को जान से मारने की धमकी देने वालों को दो दिन बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी पुलिस
पुलिस ने इस मामले में धमकी देने के मुख्य आरोपी चंदन यादव उर्फ़ बग्गड़ के साथ ही 50 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था. दो दिन में एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.
प्रयागराज: योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह को धमकी दिए जाने के मामले में दो दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. इस मामले में प्रतापगढ़ से लखनऊ तक कोहराम मचने के बावजूद पुलिस अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है जबकि पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थाने से लेकर जिले और रेंज तक कई टीमें गठित की हैं.
पुलिस ने इस मामले में धमकी देने के मुख्य आरोपी चंदन यादव उर्फ़ बग्गड़ के साथ ही 50 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था. दो दिन में एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. सवाल यह भी हैं कि जब कैबिनेट मंत्री को धमकी दिए जाने के मामले में भी दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं तो पुलिस आम नागरिकों के साथ होने वाले अपराधों में कितनी दिलचस्पी लेती होगी, इसका अंदाजा लगाना कतई मुश्किल नहीं है.
इस बारे में प्रयागराज रेंज के डीआईजी केपी सिंह का कहना है कि मामला बेहद गंभीर हैं, इसलिए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रेंज लेवल पर भी अलग से एक टीम गठित कर दी गई है. उनके मुताबिक मंत्री को धमकी देने के मामले में वीडियो में नज़र आ रहे अज्ञात आरोपियों की भी पहचान की जा रही है. जल्द ही सभी की गिरफ्तारी की जाएगी. जिस हिस्ट्रीशीटर और समाजवादी पार्टी से जुड़े पूर्व ब्लाक प्रमुख सभापति यादव को लेकर यह धमकी दी गई, पुलिस अब उसकी तलाश में भी जुट गई है.
आईजी केपी सिंह के मुताबिक, सभापति यादव पर अभी 25 हजार का ईनाम घोषित है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 हज़ार किये जाने की सिफारिश की गई है. उनके मुताबिक सभापति की डेढ़ करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है, जबकि अन्य सम्पत्तियों के बारे में छानबीन की जा रही है.
गौरतलब है कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे टॉप टेन क्रिमिनल सभापति यादव का भांजा चंदन कैबिनेट मंत्री मोती सिंह को दौड़ाकर गोली मारने और मौत के घाट उतारने की धमकी दे रहा था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद हड़कंप मच गया था.
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