UP Election 2022: आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए यूपी पुलिस ने चुनाव की पूरी तैयारियां कर ली हैं. इस बार का चुनाव कोरोना महामारी के बीच होगा इसलिए तमाम एहतियात भी बरते जाएंगे. पुलिस के सामने चुनाव की प्रक्रिया शांतिपूर्वक कराने के साथ ही कोरोना के संक्रमण से खुद को और आम जनता को बचाने की चुनौती भी होगी. इसके अलावा राज्य में 95 संवेदनशील और 33 अतिसंवेदनशील विधानसभा सीटों को चिन्हित किया गया है जिसके लिए पुलिस ने खास प्लान तैयार किया है.
यूपी पुलिस ने कसी कमर
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने रविवार को चुनाव को लेकर पुलिस महकमे की तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 403 विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें 92821 मतदान केंद्र होंगे. 2017 की तुलना में मतदान केंद्रों की संख्या में 2.24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कुल 174351 बूथ बनाए गए हैं जो 2017 की तुलना में 18.45 प्रतिशत ज्यादा हैं. सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए सोमवार से 150 कंपनी सीएपीएफ आ जाएगी जबकि 20 जनवरी से 75 कंपनी और मिलेंगी. सीएपीएफ की सभी कंपनियों का जिलेवार आवंटन किया जा चुका है.
भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी तैयारी
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि पांच या उससे अधिक बूथ के सभी मतदान केंद्रों पर कानून व्यवस्था के मद्देनजर भीड़ नियंत्रण के लिए जरूरी तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं. चुनाव से संबंधित छोटी से छोटी सूचना पर तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्यालय में चुनाव प्रकोष्ठ बनाया गया है जिसमें डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में 24 घंटे कंट्रोल रूम काम करेगा. सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. अफवाहें फैलाने वाले और गलत सूचना देने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जाएगी.
संवेदनशील और अतिसंवेदनशील सीटों की पहचान
आगे की जानकारी देते हुए एडीजी ने कहा कि 174351 बूथ में से 29138 क्रिटिकल पोलिंग स्टेशन के रूप में चिन्हित किए गए हैं. इसके साथ ही अलग-अलग कारणों से प्रदेश की 95 विधानसभा क्षेत्र संवेदनशील और 33 विधानसभा क्षेत्र अति संवेदनशील चिन्हित की गई हैं जहां पर विशेष सतर्कता और प्रभावी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. यूपी के 7 जिले पीलीभीत, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती और लखीमपुर खीरी की सीमा नेपाल के 8 जनपदों से लगती है. इनमें14 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो सीधे नेपाल सीमा से जुड़े हैं. इसके अलावा प्रदेश के 30 जिलों की सीमाएं 9 राज्यों से लगी हुई हैं. इन जिलों की 74 विधानसभा क्षेत्र राज्यों की सीमाओं से जुड़ी हैं. अपराधियों की आवाजाही शराब और असलहों की तस्करी पर रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 107 और अंतरराज्यीय सीमा पर 469 बैरियर लगाए जाएंगे. इन बैरियर पर तीन शिफ्ट में 24 घंटे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहेगी. बैरियर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे जिससे हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके.
ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से कड़ी नजर
प्रदेश के 11 जनपद पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, ललितपुर, मेरठ, चंदौली और सोनभद्र ऐसे हैं जहां संचार की समस्या है. इन जनपदों में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सुगम और बेरोकटोक संचार व्यवस्था के लिए सैटेलाइट फोन तथा रेडियो ट्रांसमीटर सेट दिए जाएंगे. चुनाव के दौरान 109 ड्रोन कैमरे, 168 नावों, 420 पोर्टेबल सीसीटीवी कैमरे, 563 स्टिल कैमरे, 492 वीडियो कैमरे और 3573 बॉडी वार्न कैमरों का प्रयोग किया जाएगा.
अपराधियों पर रहेगी पूरी नजर
चुनाव की प्रक्रिया में अपराधी कोई असर न डाल सकें, इसके लिए भी पूरी तैयारी की गई है. चुनाव में बाधा पहुंचाने वाले विभिन्न जनपदों के 275 और अलग-अलग जेलों में बंद 869 अपराधियों को चिन्हित करके उन पर नज़र रखी जा रही है. इसके साथ ही विभिन्न जेलों में 2676 सीसीटीवी कैमरे और 271 स्टेटिक जैमर लगाए गए हैं. एडीजी ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को वोट डालने के लिए पोस्टल बैलट उपलब्ध कराए जाएंगे.
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