पुलिसकर्मियों को अवसाद से मुक्त करने के लिये यूपी पुलिस लेगी मनोवैज्ञानिकों की मदद
उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों द्वारा बढ़ते आत्महत्या के मामले को लेकर यूपी पुलिस की चिंता बढ़ती जा रही है। प्रदेश के डीजीपी ने अब पुलिस कर्मियों को तनाव और अवसाद से निपटने के लिये मनौवैज्ञानिकों की मदद लेने का फैसला किया है।
लखनऊ, संतोष कुमार। गाजियाबाद और बिजनौर में पुलिसकर्मियों की आत्महत्या की घटनाओं के बाद अब यूपी पुलिस में अवसाद खत्म करने के लिए मनोवैज्ञानिकों का सहारा लिया जाएगा। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जिलों में पुलिस कर्मियों के मनोवैज्ञानिक की स्थिति की जांच के आदेश दिए हैं और जोनल स्तर पर मनोवैज्ञानिकों की मदद से पुलिस कर्मियों का मेंटल स्ट्रेस खत्म करने की कवायद शुरू की है।
यूपी के पुलिस वालों का मानसिक अवसाद खत्म करने के लिए यूपी पुलिस अब मनोवैज्ञानिकों का सहारा लेगी। बीते 24 घंटे में गाजियाबाद और बिजनौर में सिपाही और दरोगा के द्वारा की गई आत्महत्या की घटना के बाद अब यूपी पुलिस कमेंट एंड स्ट्रेस कम करने की कवायद शुरू की गई है। अब मनोवैज्ञानिक पुलिस वालों की मानसिक स्थिति और मेन्टल स्ट्रेस लेवल चेक करेंगे। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जिलों के कप्तान से लेकर रेंज आईजी और जोन एडीजी को पुलिसकर्मियों के मेंटल स्टेटस की रिपोर्ट बनाने को कहा है।
डीजीपी ने जोनल स्तर पर मनोवैज्ञानिक पूल बनाए जाने का निर्देश दिया है। पुलिसकर्मियों के मानसिक अवसाद और तनाव से निपटने के लिए जोन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और संस्थानों से बेहतर मनोवैज्ञानिक की मदद ली जाएगी। हर महीने हर पुलिस कर्मी का चेकअप कैम्प में निजी और प्रोफेशनल हालात की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मेन्टल स्ट्रैस की यह रिपोर्ट हर माह अधिकारियों को सौंपी जाएगी। लखनऊ विश्वविद्यालय से बायोफीड लैब की मशीन से पुलिसकर्मियों का स्ट्रेस लेवल नापा जाएगा। इतना ही नही रेगुलर सेशन चला कर पुलिस कर्मियों का स्ट्रेस लेवल खत्म किया जाएगा।
डीजीपी ने सभी अफसरों को जनपद स्तर पर तनावग्रस्त पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर मनोवैज्ञानिकों से उनकी काउंसलिंग जल्द शुरू करने के आदेश दिए हैं।