UP Police Bharti Exam 2024: उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा शनिवार को सकुशल संपन्न हो गई. योगी सरकार ने पेपर लीक को लेकर परीक्षा से पहले जो कानून सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-24 बनाया, उसका भी असर देखने को मिला. इस परीक्षा में यूपी पुलिस ने वॉट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी पैनी नजर बनाए रखी. खुफिया एजेंसियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया था. इतना ही नहीं परीक्षा केंद्रों पर 74 ऑब्जर्वर पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया.


इस परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए. इसको सकुशल संपन्न कराने के लिए 2300 मजिस्ट्रेट और 1,97,859 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.  इसके लिए 1174 केंद्रों के 16,440 कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जो आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस से लैस थे. शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के लिए अभ्यर्थियों का डाटा एनालिसिस किया गया. ऐसे में हर शिफ्ट में पेपर शुरू होने के आधे घंटे के अंदर डाटा मैच किया गया. वहीं डाटा मिस मैच मिलने पर ऐसे अभ्यर्थियों की सूची नोडल अधिकारी काे दी गयी. इस पर एग्जाम देेने के बाद संदिग्धों को दबोच लिया गया. 


इतने पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे
पुलिस भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 1,97,859 पुलिसकर्मियों और दो कंपनियों को तैनात किया गया. इसमें पीएसी की 25 और सीएपीएफ की 8 कंपनियों को तैनात किया गया. वहीं 137 अपर पुलिस अधीक्षक, 522 पुलिस उपाधीक्षक, 47,587 मुख्य आरक्षी, 86,844 आरक्षी और 26,582 महिला आरक्षी को तैनात किया गया. इसके अलावा 3876 निरीक्षक भी तैनात किये गये, जिसमें 3740 पुरुष और 136 महिला निरीक्षक शामिल हैं. इसके साथ ही 32,311 उपनिरीक्षक को तैनात किया गया. इसमें 30,220 पुरुष और 2091 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं. 


परीक्षा को पारदर्शी बनाने एवं सही अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के लिए तकनीक का प्रयोग किया गया. केंद्र पर अभ्यर्थियों फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही प्रवेश दिया गया. वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई. फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार वेरिफिकेशन कराया गया. वहीं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये जैमर लगाए गए. 


 उड़न दस्तों को भी किया गया मुस्तैद
जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में तैनात रहे. उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र ड्यूटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्था की गयी. इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ सहायक केंद्र पर्यवेक्षक की तैनाती की गई. इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया जबकि 3 परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी. इतना ही नहीं नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उड़न दस्तों को मुस्तैद किया गया. 


वहीं केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर की तैनाती की गयी. प्रदेश के जिन सेंटर पर नौ सौ से अधिक अभ्यर्थी थे, वहां पुलिस उपाधीक्षक को तैनात किया गया. वहीं नौ सौ से कम अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और सात सौ तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया. परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कर्मियों में से 50 प्रतिशत जिलाधिकारी और शेष 50 प्रतिशत केन्द्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) द्वारा नियुक्त किये गये. 


12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक तैनात 
इनमें परीक्षा सहायक प्रथम एवं द्वितीय जिलाधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक द्वारा नियुक्त किये गये जबकि 12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक को तैनात किया गया. इसके साथ सहयाेगी अंतरीक्षक भी तैनात किये गये. परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए परीक्षा केंद्रों के रास्ते के सीसीटीवी कैमरों पर विशेष नजर रखी गयी. इसके साथ ही अति संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त नये सीसीटीवी लगाए गए. वहीं चिन्हित हॉटस्पॉट्स पर 67 ड्रोन कैमरों से चेकिंग की व्यवस्था की गई. 


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