यूपी पुलिस में संविदा भर्ती के मुद्दे पर भड़कीं प्रियंका गांधी, कहा- इनकी सफाई समझ के परे
UP Police Samvida Bharti News: यूपी पुलिस की वायरल चिट्ठी पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रतिक्रिया दी है और बीजेपी से सवाल पूछे हैं.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश पुलिस में संविदा भर्ती वाली चिट्ठी के बाद आई सफाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि यह समझ के परे है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रियंका ने भारतीय जनता पार्टी और यूपी सरकार को जमकर घेरा.
प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिये भर्तियों पर विचार किया जा रहा है. इस संबंध में जिलों के अधिकारियों को पत्र भेजा गया था जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है. बीजेपी सरकार ने अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना और युवाओं का भविष्य दोनों कमजोर किया. अब यूपी पुलिस में यही खेल करने का प्रयास चल रहा है. बीजेपी की सरकारें देश की हर एक संस्था को बेहतर बनाने की जगह उन्हें कमजोर करने का काम कर रही हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश पुलिस की तरफ से जो सफाई पेश की गई है, वह समझ से परे है. एक के बाद एक पेपर लीक, अग्निवीर, लाखों खाली पद और अब पुलिस भर्ती में आउटसोर्सिंग की खबरों से प्रदेश के करोड़ों युवा आक्रोशित हैं. बीजेपी को सामने आकर इस बारे में स्पष्ट जवाब देना चाहिए.
यूपी पुलिस की संविदा भर्ती वाली चिट्ठी पर आई सफाई, कहा- यह पत्र गलत जारी हो गया
अखिलेश ने भी उठाए थे सवाल
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था- उप्र में बीजेपी सरकार ने ‘पुलिस व्यवस्था’ के प्रति लापरवाही भरा नज़रिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है. ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा. बीजेपी सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाक़ायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?
अखिलेश ने कहा था कि पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बननेवाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाज़े से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है. अपने आरोप के आधार के रूप में वो कोरोना वैक्सीन बनानेवाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे बीजेपी ने नियम विरूद्ध जाते हुए, वैक्सीन बनानेवाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की.