अफवाहों पर नकेल कसने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करेगी यूपी पुलिस, हिंसा पर लगेगी रोक
अफवाहों पर नकेल कसने के लिए यूपी पुलि से खास तैयारी की है। जब भी कोई अफवाह फैलाने का मैसेज फैलाया जाएगा तब पुलिस उस इलाके के लोगों तक अपना भी संदेश भेजेगी कि फैलाई जा रही अफवाह गलत है।
लखनऊ, संतोष कुमार शर्मा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बच्चा चोरी की अफवाहों से निपटने के लिए अब तकनीक इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। बीते 3 महीने से देश की राजधानी दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तर प्रदेश बच्चा चोरी की अफवाहों से हलकान हैं। देश में अब तक 35 लोगों की जानें गई हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में ऐसी 70 घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें 3 लोगों की मौत भी हुई है।
उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी की घटनाओं की अफवाह से हो रही हिंसा और हिंसा में बेकाबू भीड़ अब तकनीक के सहारे काबू में लाई जाएगी। जिस सोशल मीडिया और वायरल मैसेज का सहारा लेकर बच्चा चोरी की अफवाहों को फैलाया जा रहा है अब उसी वायरल मैसेज तकनीक का इस्तेमाल कर यूपी पुलिस इन अफवाहों के हिंसक रूप लेने से पहले लोगों को आगाह कर रही है।
कहते हैं विज्ञान उस दो धारी तलवार की तरह होता है जिसका बेजा इस्तेमाल किया जाए तो समस्या बन जाए और सदुपयोग हो तो समस्या का निदान। यूपी पुलिस अब बच्चा चोरी जैसी तमाम अफवाहों से निपटने के लिए भी मैसेज वायरल करने का तरीका अपना रही है। बच्चा चोरी के नाम पर जिन घटनाओं के वीडियो और मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल कर हिंसा और लोगों में दहशत फैलाई जा रही है, अब यूपी पुलिस ऐसी अफवाहों पर नकेल कसने के लिए अपनी तरफ से भी सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल करेगी।
यूपी पुलिस ने कम्युनिटी पुलिसिंग को आधुनिक रूप में अपनाया है। प्रदेश के हर थानाक्षेत्र, हर मोहल्ले के संभ्रांत लोगों के नंबर यूपी पुलिस ने जमा कर रखे हैं। यूपी पुलिस ने प्रदेश भर में 11 लाख लोगों को उनके नंबर से जोड़ा है। एक गांव से कम से कम 10 लोगो का नंबर पुलिस ने अपने इस अभियान में जोड़ा है। अब जब भी कोई अफवाह फैलाने, लोगों को उकसाने वाला वीडियो या मैसेज फैलाया जाएगा यूपी पुलिस उस इलाके के उन लोगों तक अपना भी संदेश भेजेगी कि फैलाई जा रही अफवाह गलत है और हिंसा करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
दरअसल, बीते दिनों कई ऐसी घटनाएं उजागर हुईं जिनको सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की घटना बताकर वायरल किया गया।
19 अगस्त को ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो को मानव अंगों का तस्कर बताकर वायरल किया। जांच की गई तो पता चला वीडियो जालौन का है। जालौन में सिर्फ चोरी के शक में एक लड़के को खंभे से बांधकर पीटा और बच्चा चोर बता दिया गया। जालौन पुलिस ने वीडियो बनाकर अफवाह फैलाने वाले को गिरफ्तार कर अंगों की तस्करी के मामले को फर्जी बताया।
कुछ ऐसा ही उन्नाव में हुआ, जहां बच्चा चोरी के शक में 5 लोगों ने एक युवक को पीटा। जांच की गई तो युवक रास्ता भटक गया था और सही रास्ते पर जाने के लिए तंग गलियों में घुस गया था।
यह घटना बानगी भर हैं, ऐसी कई दूसरी घटनाओं को बच्चा चोरी की घटना बताकर अफवाह और हिंसा फैलाई जा रही है। यूपी पुलिस भी मानती है 1 सितंबर 2019 तक अफवाह फैलाने की 70 घटनाएं सामने आईं हैं जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई। परिणाम स्वरूप कार्रवाई में पुलिस ने 188 लोगो को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अफसर कहते हैं कि बच्चा चोरी की एक भी घटना नहीं हुई। सिर्फ अफवाह फैलाई गई, लिहाजा अब सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही इस अफवाह की काट सोशल मीडिया पर सही जानकारी देकर की जाएगी।