UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, बरेली, कानपुर नगर एवं प्रयागराज में तैनात फायर स्टेशन द्वितीय ऑफिसर धर्मेन्द्र यादव व सैकड़ों अन्य दरोगाओं की याचिका पर पुलिस विभाग एवं अग्निशमन विभाग के आला अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. यह आदेश माननीय न्यायमूर्ति जे० जे० मुनीर ने पुलिस विभाग एवं अग्निशमन विभाग में कार्यरत सैकड़ों दरोगाओं/फायर स्टेशन द्वितीय ऑफिसर की याचिकाओं में पारित किया है.


 याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं सहायक अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम ने याचीकर्ताओं का पक्ष रखा. कोर्ट ने इस मामले में संयुक्त सचिव गृह, डी०जी०पी० उत्तर प्रदेश लखनऊ व डी०जी० फायर सर्विस, लखनऊ को उक्त आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा रजिस्ट्रार कम्पलाइन्स इलाहाबाद हाईकोर्ट को 48 घण्टे के अन्दर सूचित करने के लिए आदेशित किया है.


 क्या है पूरा मामला
मामले के तथ्य के मुताबिक  17.06.2016 को 2707 उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस, प्लाटून कमाण्डर पी०ए०सी० एवं अग्निशमन अधिकारी द्वितीय के पदों पर सीधी भर्ती वर्ष 2016 के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा विज्ञप्ति निकाली गयी थी. सभी याचीगणों ने, जो कि विज्ञप्ति की सभी अर्हतायें पूर्ण करते थे और आवेदन किया था. सभी याचीगणों ने ऑनलाइन लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षा तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात अन्तिम चयन सूची में दिनांक 28.02.2019 चयनित हुये. 


2019 में भेजा गया था ट्रेनिग के लिए
यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ द्वारा कुल चयनित 2181 दरोगा, प्लाटून कमाण्डर एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी की सूची जारी की जिसमें सभी प्रार्थीगण भी चयनित थे. तत्पश्चात सभी चयनित दरोगाओं, प्लाटून कमाण्डर एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारियों का मेडिकल कराने के पश्चात जून/जुलाई, 2019 में ट्रेनिंग में भेज दिया गया.


असफल अभ्यर्थियों ने कोर्ट में दायिर की थी याचिका
असफल अभ्यर्थियों ने चयन सूची दिनांक 28.02.2019 के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिका ग्रुप वाइज दाखिल करके चुनौती दी. हाईकोर्ट के इस आदेश दिनांक 11.09.2019 के पश्चात सभी चयनित दरोगाओं, प्लाटून कमाण्डरों तथा फायर स्टेशन के द्वितीय ऑफिसरों को जून/जुलाई वर्ष 2020 में ट्रेनिंग सेन्टर से बगैर ट्रेनिंग कराये उनके घर वापस कर दिया गया. 


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