यूपी में अपने बुने जाल में फंसे अखिलेश यादव और मायावती! चुनाव में होगा नुकसान, इस नेता का बड़ा दावा
UP Politics: जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान ने क्रीमी लेयर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि सपा-बसपा ने भारत बंद को समर्थन देकर अपना सामंती चेहरा दिखा दिया.
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SC/ST Reservation: एससी एसटी रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश की सियासत गरमाई हुई है. सपा-बसपा समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया और दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का भी सड़क पर उतर समर्थन किया है. लेकिन अब वो अपनी इस रणनीति में फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं. यह दावा बीजेपी के सहयोगी दल के नेता ने किया है.
जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय चौहान ने दावा किया है कि भारत बंद का समर्थन करने के बाद दोनों दलों सपा और बसपा का सामंती चेहरा लोगों के सामने आया गया है. ये दल उन लोगों के समर्थन में सड़क पर उतरे जो आरक्षण का लाभ उठाकर ब्यूरोक्रेसी और कॉर्पोरेट बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि 2027 के चुनाव में दोनों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा.
जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष का दावा
पिछड़ों की राजनीति करने वाले जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान ने क्रीमी लेयर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आरक्षण इसलिए दिया गया था कि जिन जातियों की नौकरी और शिक्षा में सहभागिता कम हैं उन्हें विशेष अवसर देकर आरक्षण के जरिए नौकरी और शिक्षा में लाया जाए ताकि वो सम्मान से जी सके.
संजय चौहान ने आरोप लगाया कि आज बसपा दलितों की सिर्फ एक जाति तक सिमट गई है तो वहीं समाजवादी पार्टी भी यादवों के साथ खड़ी दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा ये दोनों दल इन जातियों के साथ नहीं बल्कि इन जातियों के उस ख़ास वर्ग के साथ है जो आरक्षण का लाभ उठाकर संपन्न हो चुके हैं. जिनकी सोच सामंती है और अब वो गरीबों के बच्चों के हक को खा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन गरीबों के बच्चों के मन में आशा जगी कि उन्हें भी अवसर मिल जाएगा. क्योंकि उनका मुकाबला उनकी ही जाति के एक ऐसे वर्ग से हो रहा था जो संपन्न हो चुका है और इन्हें आगे नहीं आने दे रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा और बसपा पिछड़े और दलित वर्ग की सामंती जातियां हो गई हैं. इनकी सोच है कि अन्य गरीब जातियां आगे न बढ़ पाएं वो सिर्फ इनका वोटबैंक बनकर रहें.
जनता से सामने सपा-बसपा का पर्दाफाश
संजय चौहान ने कहा- अखिलेश यादव और मायावती अपनी-अपनी जातियों को मजबूत करके बाकी बची जातियों को कमजोर बनाकर उनका हक को अपने लोगों को दे रहे हैं. इसका खामियाजा उन्हें 2027 के चुनाव में उठाना पड़ेगा. भारत बंद का समर्थन कर ये एक्सपोज हो गए हैं. 2027 में मायावती तो जहां है वहां से नीचे क्या जाएंगी और अखिलेश यादव जिनके अभी 37 सांसद बने हैं वो 37 विधायक बनाने तक पर सोचेंगे. सारी अति पिछड़ी जातियां इनके खिलाफ हैं.
संजय चौहान ने कहा कि वो इसे लेकर बीजेपी के बड़े नेताओं से बात कर रहे हैं. जल्द ही वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के समर्थन में लखनऊ में उतरेंगे और सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का लागू करने का दबाव बनाएंगे.
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