लोकसभा चुनाव के पहले एक ओर जहां दलों और नेताओं के एक दूसरे के साथ बनते बिगड़ते समीकरण सुर्खियां बटोर रहे हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ही मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा है.
दोनों नेताओं ने यूपी में आयोग और अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित कराई जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल उठाते हुए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा है. दोनों ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सपा नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस परीक्षा में हुए कथित लीक का मुद्दा उठाया. सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- उप्र पुलिस की परीक्षा लीक होने की ख़बर के बीच सरकार ये दावा कर रही है कि सब कुछ ठीक से हुआ है. अगर ऐसा है तो सरकार वादा करे कि जितने भी लोगों के 100% नंबर आएंगे, सभी को नौकरी के लिए पात्र माना जाएगा फिर वो 1 लाख हों या 10 लाख.
अखिलेश ने लिखा- क्योंकि एक अभ्यर्थी से एक परिवार के लगभग 5 लोग जुड़े होते हैं. इसीलिए 50 लाख अभ्यर्थियों से जुड़े परिवारों के ढाई करोड़ लोगों के साथ ये परीक्षा सरेआम धोखा है. उप्र के ये 2.5 करोड़ लोग भाजपा को हरा देंगे.
यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा - जिस उप्र को भाजपा चुनावों के लिए सबसे सुरक्षित समझ रही है, उसी उप्र में बेरोज़गार युवक-युवती और उनके परिवार के लोग भाजपा को सबसे बड़ी और बुरी हार का मज़ा चखाएंगे.
वहीं भीम आर्मी चीफ ने चंद्रशेखर ने लिखा- चुनाव से पूर्व किसी बड़ी भर्ती की घोषणा और फिर कई कारणों से भर्ती का अटक जाना, भाजपा की सरकारों का युवाओं का भरमाने का प्रयास होता हैं.
उन्होंन लिखा- एक बार फिर चुनाव (लोक सभा) से पूर्व जिसे सबसे बड़ी भर्ती बताकर प्रचारित किया गया उसी पुलिस भर्ती का पेपर लीक हो गया!
चंद्रेशखर ने आरोप लगाया कि जो सरकार एक पेपर की सुरक्षा नहीं कर पा रही वह प्रदेश की समस्त जनता की सुरक्षा कैसे कर पाएगी, पेपर लीक होना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर एक बड़ा सवाल.