UP News: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के परिणाम के बाद से शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) का कद बढ़ते जा रहा है. मैनपुरी उपचुनाव की जीत और उसके बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में प्रसपा के विलय से उन्हें पार्टी में बड़ा रोल मिलने की चर्चा है. अब चाचा शिवपाल को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं. उन्हें दो पदों की जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा हो रही है.
दरअसल, सपा में शिवपाल यादव की पार्टी के विलय के बाद उनके लिए किसी बड़े पद की तलाश पार्टी में चल रही है. वहीं सपा प्रमुख के बयानों पर गौर करें तो वे 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से लड़ सकते हैं. ऐसे में सूत्रों के अनुसार पार्टी उन्हें यूपी विधानसभा में नेता विपक्ष बनाने पर विचार कर रही है. वे अभी मैनपुरी की जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक भी हैं. इसके अलावा उनके पास पार्टी में विधानसभा के साथ संगठन का भी काम देख सकते हैं.
ये भी है चर्चा
सूत्रों के अनुसार शिवपाल यादव के संगठन में पकड़ और पार्टी के पुराने नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते को देखते हुए इन्हें प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके लिए पार्टी में भी विचार चल रहा है. मैनपुरी उपचुनाव में संगठन को जोड़ने और पुराने लोगों के साथ सामंजस्य बैठाने में अहम योगदान किया है. जिसकी झलक मैनपुरी में जीत के बाद भी दिखाई दी है.
जब मैनपुरी में डिंपल यादव निर्णायक बढ़ बना चुकी थीं. उसके बाद शिवपाल और अखिलेश यादव नेताजी की समाधि पर पहुंचे, जहां नेताजी को नमन करने के बाद दोनों एक साथ बैठे हुए थे. इसी दौरान सपा में प्रसपा के विलय का भी एलान हुआ. इससे पहले शिवपाल यादव अखिलेश को सैफई और संगठन के पुराने लोगों से मिलवा रहे थे. इससे स्पष्ट था कि पार्टी में चाचा को बड़ा कद मिलने वाला है. उनकी जिम्मेदारी संगठन में भी तय की जा सकती है.