UP Politics: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक संदिग्ध चोरी के मामले में टिप्पणी की है. यह ऐसी चोरी है जिसकी न कोई एफआईआर दर्ज हुई न कहीं कोई चर्चा लेकिन सियासी और ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में कानाफूसी ने कई नई बातों को जन्म दे दिया है. एक अखबार की कतरन साझा करते हुए कन्नौज सांसद ने लिखा- रिश्ता ये हमजोली-सा है. चोर के घर में चोरी-सा है.


सोशल मीडिया पर भी इस संदिग्ध चोरी की जमकर चर्चा है. दावा किया जा रहा है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी IAS में उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी के घर में 50 करोड़ रुपये की चोरी हुई है. हालांकि अभी तक इस मामले में पुलिस के पास कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है. दावा किया जा रहा है कि यह बात अलग है कि अंदर ही अंदर इस चोरी के आरोपियों को खोजा जा रहा है. 


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दावा है कि पूरा मामला इस तरह गोपनीय रखा जा रहा है कि किसी को कानों कान खबर न हो. अभी तक तो लोग सिर्फ सोशल मीडिया पर लिख रहे थे और आपसदारी में चर्चा थी लेकिन अखिलेश यादव की पोस्ट ने यूपी की ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचा दी है.






बीजेपी और बसपा चुप!
अखिलेश ने जिस अखबार की कतरन साझा की है वह कई दिनों से वायरल है. सत्ता और अफसरशाही के गलियारों में इसकी जमकर चर्चा है. दावा है कि यह चोरी पूर्व आईएएस के उत्तराखंड स्थित आवास पर हुई.


कन्नौज सांसद की पोस्ट के बाद यह सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर उनका इशारा किस ओर है. अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी न आने से ब्यूरोक्रेसी में भी सिर्फ कयासों और अटकलों का दौर जारी है.


यह देखना दिलचस्प है कि यह मामला जिस तरह कानाफूसी की दुनिया में सुर्खियों में है, क्या यह कभी धरातल पर उतर पाएगा या सिर्फ कोरी गप है!  दिलचस्प यह भी है कि अखिलेश की हर पोस्ट और बयान का जवाब देने वाली बीजेपी और बसपा ने अभी तक इस कथित चोरी के मामले पर कुछ नहीं कहा है.