JPNIC Controversy: लखनऊ स्थिति जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के गेट पर टीन का शेड लगाए जाने के बाद समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आज जय प्रकाश नारायण की जयंती पर माल्यार्पण के लिए आने वाले थे, लेकिन उससे पहले सुबह से ही सपा अध्यक्ष के आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. जिसके बाद इस मामले पर बवाल बढ़ने की आशंका है. 


इससे पहले गुरुवार देर रात जब अखिलेश यादव के JPNIC के गेट को सील करने की खबर मिली तो सपा अध्यक्ष वहां पहुँच गए, जिसके बाद खूब सियासी ड्रामा भी देखने को मिला, अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर इसे बेचने की कोशिश खरने का आरोप लगाया और सवाल किया है कि सरकार आखिर क्या छुपाने की कोशिश कर रही है. तमाम विवाद के बीच सवाल उठता है कि आखिर JPNIC क्या है जिसे लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है. 


अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट


JPNIC अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसका निर्माण साल 2016 में सपा सरकार में कराया गया था. इसे बनाने में 864 करोड़ की लागत आई थी. इसमें समाजवादी चिंतक जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा भी लगी है. जहां हर साल समाजवादी कार्यक्रम होते रहे हैं. साल 2017 तक इसका 80 फीसद निर्माण कार्य हो चुका था. लेकिन योगी सरकार आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया. 


जेपीएनआईसी का निर्माण रियल एस्‍टेट कंपनी शालीमार के द्वारा किया गया जो इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर बनाया गया था. 18 मंजिला इस इमारत में पार्किंग, जेपी नारायण से जुड़ा एक म्‍यूजियम, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस खेलने की व्‍यवस्‍था है. इस भवन में 100 कमरों का एक बड़ा सा गेस्ट हाउस बनाया है और एक ऑल वेदर स्वीमिंग पूल भी है. इसकी छत पर एक हेलीपैड भी बनाया गया है. 


साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार आई तो इसका निर्माण कार्य रुक गया. सरकार ने जेपीएनआईसी के निर्माण कार्य में गड़बड़ी की जाँच के आदेश दिए हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण इसकी जांच कर रहा है. यहाँ पर महंगी टाइल्स लगाई थी, जिस पर घास उग आई है. सपा का कहना है कि ये समाजवादियों के लिए सम्मान की जगह है. लेकिन योगी सरकार इसे बेचना चाहती है.  


JPNIC बैरिकेडिंग का BJP ने किया बचाव, कहा- निर्माण अधूरा है, अखिलेश यादव कर रहे राजनीति