'हक़-अधिकार की हत्या...' अनुप्रिया पटेल के बाद अब अखिलेश यादव ने उठाया भर्तियों में आरक्षण का मुद्दा
UP News: बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का साथ मिला है. आरक्षण के मुद्दे पर बीते दिनों अनुप्रिया ने चिट्ठी लिखी थी.
UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भर्तियों में आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरा है. इससे पहले इसी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल की नेता अनुप्रिया पटेल चिट्ठी लिखी थी. सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा- NOT FOUND SUITABLE (NFS) एक तरह की ऐसी स्वैच्छिक छूट है. जिसको हथियार बनाकर भाजपा राज में कुछ प्रभुत्ववादी सोच के लोगों द्वारा PDA के हक-अधिकार की हत्या की जा रही है.
यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि PDA के शब्दकोश में NFS की नयी व्याख्या: NOT FAIR SELECTION जोड़ दी जाए. पीडीए को सामाजिक न्याय के साथ-साथ शैक्षिक न्याय भी चाहिए. सपा प्रमुख ने अपनी पोस्ट में एक लिस्ट भी शेयर की है. इस चिट्ठी पर 26 जुलाई 2024 की तारीख अंकित है. इसमें दी गई जानकारी के अनुसार 9 NFS हैं. जिसमें 3 एससी, 1 एसटी और चार ओबीसी हैं.
अनुप्रिया पटेल ने जब सीएम योगी को लिखी थी चिट्ठी
अनुप्रिया पटेल ने भी कुछ दिन पहले सीएम योगी को सरकारी नौकरी की भर्तियों में आरक्षण के मुद्दे को लेकर पत्र लिखा था. उन्होंने पत्र में लिखा कि राज्य सरकार के अधीन सभी संस्थाएं साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति जनजाति लिए आरक्षित पदों पर not found suitable की प्रक्रिया बार-बार अपनाते हुए और उन्हें पदों को अनारक्षित घोषित करने की व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाई जाए. जिससे इन वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियों में आक्रोश न पनपे.
अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि चाहे जितनी बार भी जरूरी हो यह नियुक्ति प्रक्रिया अपनानी पड़े लेकिन हर हाल में यह सीटें उन्हें वर्गों से भारी जाएं जिनके लिए ये रिज़र्व हो, ना कि इसे not found suitable बताकर, अनरिजर्व्ड कर दिया जाए. अनुप्रिया ने चिट्ठी में लिखा कि यह भी अनुरोध है कि आवश्यक प्राविधान करते हुए सिर्फ साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग हेतु आरक्षित पदों को सिर्फ इन्हीं वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियों से भरा जाना अनिवार्य किया जाए. चाहे इसके लिए जितनी भी बार नियुक्ति प्रक्रिया करनी पड़े.
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