UP Politics: साइकिल यात्रा ने बदली है अखिलेश यादव की किस्मत, क्या फिर 19 साल पुराना इतिहास दोहराएगी सपा?
Akhilesh Yadav की सियासी एंट्री का जरिया बनी साइकिल से उनकी सियासत की किस्मत भी जुड़ी हुई मालूम पड़ती है. 22 साल पहले की गई एक यात्रा ने साल 2004 के चुनाव में सपा को 35 सीटें दिलाई थीं.
UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों सम्मेलनों और यात्राओं का क्रम जारी है. इस बीच समाजवादी पार्टी ने पीडीए यात्रा शुरू की है. यह यात्रा लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की जा रही है. इस यात्रा के जरिए समाजवादी पार्टी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश में है. हालांकि पीडीए यात्रा शुरू होने से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने PDA में ए का मतलब अगड़ा भी बताया. ऐसे में यह माना जा रहा है कि सपा, लोकसभा चुनाव के पहले नए समीकरण बनाने की कोशिश में है.
चूंकि अखिलेश यादव खुद इस पीडीए यात्रा में शामिल हो रहे हैं, ऐसे में इसका महत्व और बढ़ जाता है. साल 2001 में अखिलेश यादव की सियासी एंट्री भी साइकिल यात्रा के जरिए हुई थी.
2001 में चलाई थी साइकिल
साल 2001 में अखिलेश यादव ने दिवंगत मुलायम सिंह यादव के नक्शेकदम पर चल कर क्रांतिरथ चलाया था. इसके बाद साल 2002 के विधानसभा चुनाव में सपा ने 143 सीटों पर जीत हासिल की और साल 2004 में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने. अखिलेश की क्रांतिरथ का असर, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला.
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा 80 में 35 सीटों पर जीती और उसे 26.74 फीसदी वोट मिले. वहीं साल 2009 के लोकसभा में सपा की सीटें घटकर 23 हुईं लेकिन वोट प्रतिशत में सिर्फ 3 फीसदी की कमी यानी 23.26% रहा. साल 2012 में यूपी के विधानसभा चुनाव के पहले भी अखिलेश ने साइकिल और रथ यात्रा की और प्रदेश भर में घूमे. इसका असर ये हुआ कि सपा 224 सीटों पर जीती और इसे 29.15 फीसदी वोट मिले और अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री बने.
PDA यात्रा के अहम मुद्दे
अब अखिलेश यादव एक बार फिर साइकिल लेकर निकले हैं. इस यात्रा के जरिए वह पूरे प्रदेश का मूड भांपने की कोशिश में हैं. इसके अलावा वह लोकसभा में फिर से सपा का दबदबा बनाने के लिए कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाएंगे.
सपा की इस पीडीए यात्रा में आठ मुद्दे अहम हैं. इसमें सामाजिक न्याय, जातीय जनगणना, हर स्तर पर आनुपातिक हिस्सेदारी, राजनीतिक ताकत के लिए, आजम खान पर लगे आरोप, अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ और महिला आरक्षण शामिल हैं.
अखिलेश यादव की अगुवाई वाली पीडीए यात्रा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से होते हुए जनेश्वर मिश्र पार्क तक जाएगी. ये यात्रा पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान बनाए गए तमाम प्रोजेक्ट्स से होते हुए यात्रा जनेश्वर मिश्र पार्क तक जाएगी.