Lok Sabha Election 2024: राष्ट्रीय लोकदल के नेता जंयत चौधरी के संदर्भ में दावा किया जा रहा है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) का साथ छोड़ सकते हैं. दावा है कि जयंत, भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अभी तक दोनों ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी या प्रतिक्रिया नहीं आई है.
इस बीच जयंत चौधरी ने पार्ट के दो कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं, जिसके बाद उनके एनडीए के साथ जाने की अटकलें और तेज हो गईं हैं. इनमें से पहला कार्यक्रम 12 फरवरी को छपरौली में होना था, जहां उनके पिता अजीत चौधरी की जयंती पर उनकी 12 कुंटल वजन की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण होना था. जिसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया है, इसके अलावा दूसरा मथुरा में युवा सम्मेलन कार्यक्रम होना था, जिसे भी टाल दिया गया है. माना जा रहा है कि नए समीकरणों को देखते हुए इसे भी रद्द कर दिया गया है.
उधर, यादव परिवार उनको मनाने में जुट गया है. एक ओर जहां सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जयंत कहीें नहीं जाएंगे तो वहीं सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार किसानों के विरुद्ध काम कर रही है, बजट में किसी भी प्रकार की MSP का जिक्र नहीं है, भाजपा के द्वारा हमारी पहलवान बहनों का अपमान हुआ है, मैं नहीं मानती की आरएलडी के नेता जयंत चौधरी इस तरह का कोई कदम उठाएंगे जिससे किसानों को नुकसान पहुंचे.
अखिलेश यादव के ऑफर से नाराज जयंत चौधरी
खबरों के मुताबिक जयंत चौधरी, अखिलेश यादव के प्रस्ताव से नाराज चल रहे हैं, सपा ने आरएलडी को जो सात सीटें दी हैं उनमें चार सीटों पर रालोद के सिंबल पर सपा के उम्मीदवारों को लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है. जिसके बाद से जाट कार्यकर्ताओं द्वारा उन पर गठबंधन तोड़ने का दबाव है. वहीं एनडीए में उन्हें तीन से चार सीटों का ऑफ़र दिया गया है. इनमें मथुरा और बागपत की सीटें आरएलडी की दी जा सकती है. जबकि एक राज्यसभा सीट भी दी जा सकती है.
आपको बता दे कि रालोद ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी सपा के साथ गठबंधन में लड़ा था, इसमें उन्हें तीन सीटें दी गई थीं, लेकिन उन्हें एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो पाई थी. वहीं साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी रालोद ने 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से पार्टी को नौ सीटों पर जीत हासिल हुई थी.