UP Politics: अपर्णा यादव को पद देकर बीजेपी का फायदा या सपा को नुकसान! जानें- क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
Aparna Yadav को राज्यपाल के निर्देशानुसार राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसका बीजेपी को फायदा होगा या सपा को नुकसान? यहां जानें- एक्सपर्ट्स की राय
Aparna Yadav News: तमाम कयासों और चर्चाओं के बीच अपर्णा यादव को भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बना दिया है. इस पद को मिलने के बाद सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है, जिसमें लोग इस पद को अपर्णा यादव के कद के बराबर नहीं मान रहे हैं. लोगों ने अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट पर यह बात लिखी है कि क्या नेताजी मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का यही कद है कि उनको राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया जाए.
लोगों ने लिखा है कि मुलायम सिंह यादव ऐसी शक्सियत थे जिनके आंखों के इशारों पर लोगों को विधायक से लेकर संसद मंत्री तक बनाया जाता था और उनकी छोटी बहू को भाजपा में आने के ढाई साल पर राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है.
इस मामले पर एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने जो किया और जो लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं दोनों के एनालिसिस में बहुत अंतर है. भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति और सामने वाले की उपयोगिता के आधार पर कोई पद देती है. उन्होंने कहा अपर्णा यादव, नेताजी मुलायम सिंह यादव की बहू हैं. पर जनाधार की बात करें तो उनके पास ऐसा कोई बड़ा जनाधार नहीं है कि लोग आहत हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी सभी को अपने अनुरूप जैसा जिसका कद होता है वैसा पद देती है.
'भाजपा ने छोटा पद नहीं दिया है बल्कि...'
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार परवेज अहमद कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव की बहू होना और पार्टी की नेता होना दो अलग विषय हैं और अपर्णा की पहचान भले ही नेता जी की बहू की है पर अभी वह भाजपा के नेता के तौर पर कोई बड़ी पहचान उनकी नहीं है. उनका भाजपा की राजनीति में कोई बड़ा योगदान नहीं है. उन्होंने कहा वह जो कुछ भी हासिल कर रही है वह नेताजी के सम्मान में ही उनको मिल रहा है.
पत्रकार का दावा है कि भाजपा ने उन्हें सांकेतिक रूप में एक संदेश दिया है. साथ ही रही बात उनके जनाधार की तो इटावा ,मैनपुरी जैसे क्षेत्रों में अपर्णा ने कहीं कोई ऐसा बड़ा कैंपेन नहीं किया कि उनके नाम पर यादव एकजुट होकर भाजपा के साथ आ गए और भाजपा का फायदा हुआ, ना ही अपर्णा ने अपने किसी पारिवारिक व्यक्ति के खिलाफ या उनके सामने कोई प्रचार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने छोटा पद नहीं दिया है, बल्कि उनको उपकृत किया है.
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