UP Election 2022: संगमनगरी प्रयागराज में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है. आस्था के पवित्र माघ मेले में आमतौर पर धर्म, संस्कृति, आधायात्म और सनातन परंपरा पर चर्चा होती है. पर इस बार यहां संतों और महात्माओं के शिविरों में यूपी की सियासत पर खूब चर्चा हो रही है. किसी शिविर में यूपी के सियासी हालात पर बहस होती है तो कहीं राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के अलग-अलग पहलुओं पर. किसी शिविर में यूपी में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ की सरकार के वापस आने की बात होती है तो कहीं अयोध्या और काशी के बाद मथुरा के हालात पर चर्चा होती है.


संतों ने मतदान करने की अपील की
प्रयागराज में चल रहे माघ मेले के दौरान एबीपी गंगा की टीम ऐसे ही एक शिविर में पहुंची. जहां दो दर्जन से ज़्यादा दंडी सन्यासी और उनके यहां रहने वाले तमाम कल्पवासी धूप सेंकते हुए सियासी गुफ्तगू करते हुए नज़र आए. इन संतों ने वोटरों से इस बार मतदान ज़रूर करने और किसी लालच या धर्म-जाति के बजाय बेहतर उम्मीदवार व पार्टी को वोट देने की अपील की. ज़्यादातर संतों ने भगवाधारी सीएम योगी के कामकाज को सराहा और उन्हें एक बार फिर मौका मिलने की उम्मीद जताई तो चुनावों में धर्म और आध्यात्म से जुड़े मुद्दों जैसे गंगा-गाय और मंदिरों के अधिग्रहण पर फोकस नहीं होने पर नाराज़गी भी  जताई.


बीजेपी सरकार आने पर मथुरा में भव्य कॉरिडोर का रास्ता होगा साफ
एबीपी गंगा की टीम से बातचीत के दौरान संतों ने कहा कि अगर यूपी में एक बार फिर बीजेपी की सरकार आती है तो अयोध्या और काशी के बाद मथुरा में भी भव्य कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ़ हो जाएगा. संतों ने बीजेपी छोड़ने वाले योगी सरकार के मंत्रियों का नाम लिए बिना ही दलबदल करने वाले नेताओं पर निशाना साधा और जनता से इस चुनाव में ऐसे लोगों को सबक सिखाने की नसीहत दी. ज़्यादातर संतों ने कुंभ व माघ मेलों के बेहतर आयोजन, अयोध्या व काशी में मंदिर निर्माण और गंगा की निर्मल होती धारा के मुद्दे पर बीजेपी की तारीफ़ की.


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