UP News: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पौत्र भीमराव यशवंत अंबेडकर ने सरकारी उपक्रमों के प्राइवेटाइजेशन महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर जहां भाजपा को जमकर घेरने की कोशिश की. तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती की शिथिलता पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने जहां विपक्ष को मजबूत स्थिति में बताया तो वही बिहार की राजनीति में नीतीश के एनडीए के साथ जाने से विपक्ष को कोई फर्क नहीं पड़ने की बात कही है. वे पूर्वांचल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ से प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी की घोषणा कर भाजपा और उनकी सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल फूकेंगे.


गोरखपुर के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित एक मैरिज हॉल में रविवार 10 मार्च को वे एक सम्मेलन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे यहां राजनीति से जुड़े लोगों से बातचीत करना चाहते हैं. 'संविधान का गौरव' सम्मेलन में वे अपनी बात रखना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने 3 महीने पहले प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी की स्थापना की है. नॉर्दर्न जोन यानी यूपी, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में अंबेडकर मूवमेंट की पार्टियां अभी दिख नहीं रही हैं.  उन्होंने एक साल में जो सर्वे किया है, उसमें ये पार्टियां दिखती नहीं हैं.


"अपनी विचारधारा से हिल गई BSP" 
उन्होंने कहा कि कांशीराम जी के निधन के बाद बसपा अपनी विचारधारा से हिल गई है. वह अपने विचारधारा पर नहीं चल रही है. कोई भी सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं. आर्थिक कार्यक्रम पर यह पार्टी चल रही है. उत्तर प्रदेश में बाबा साहब को मानने वाले लोग लाखों की संख्या में हैं. वह बहुजन समाज के लोग हैं. पिछड़ा-आदिवासी हैं. उनके लिए वे बाबा साहब के विचारों की पार्टी देने का प्रयास करेंगे. 


उन्होंने कहा कि, राजनीति में जो जगह बची हुई है उसे भरने का वे प्रयास करेंगे. इसके लिए भी आज गोरखपुर से शुरुआत कर रहे हैं. पिछली बार भी उन्होंने चंपा देवी पार्क में संविधान के सम्मान में धम्म सम्मेलन कार्यक्रम किया था. उन्हें लगा कि यह एक अच्छा स्थान है और यहां से बाबा साहब के विचारों वाले लोगों को एकजुट करने की शुरुआत की जाए. उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हर राज्य में प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी खड़ा करने में वह जरुर सफल होंगे.  


"एनडीए और बीजेपी से संतुष्ट नहीं"
भीमराव यशवंत अंबेडकर ने कहा कि वह एनडीए और बीजेपी से संतुष्ट नहीं है. क्योंकि उनकी पॉलिसी से वे संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जो सरकारी उपक्रमों को बेचा जा रहा है, तो वहां से रिजर्वेशन खत्म हो गया है. बाबा साहब का संदेश देने के बाद उनके समाज के लोग पढ़ लिख गए नौकरियों की ओर अब रिटायर हो रहे हैं लेकिन आगे की जनरेशन के पास नौकरी नहीं है. उनके लिए आरक्षण की सुविधा भी नहीं है. एजुकेशन का प्राइवेटाइजेशन जोरों पर चल रहा है. राइट टू एजुकेशन को खत्म करने के साथ सरकारी स्कूलों को बंद करके प्राइवेटाइजेशन जोर-शोर से हो रहा है. इसके पीछे पिछड़े समाज के लोगों को निचले स्तर पर फिर से धकेल देने की मंशा साफ दिखाई दे रही है, जिससे कि वे लोग पीछे हो जाएं और फिर गुलाम हो जाएं. 


उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2014 में हर साल 2 करोड़ लोगों को नौकरियां देने के वायदे किए थे, लेकिन सभी को मालूम चल चुका है कि यह सभी कुछ जुमले थे. देश में आज बेरोजगारी ज्यादा बढ़ रही है. स्टूडेंट अधिक से अधिक पास आउट हो रहे हैं. उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही है. जो नौकरियां मिल रही है, वह कॉन्ट्रैक्ट बेस पर मिल रही है, इसलिए आज किसान भी संतुष्ट नहीं है. पंजाब और हरियाणा में भी ऐसी ही स्थित है. दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आकर बैठे हुए हैं. उन लोगों को दिल्ली में घुसने की परमीशन नहीं मिल रही है. कामगार लोग संतुष्ट नहीं हैं.


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