UP BJP की नई टीम में किसे मिलेगी जगह और कौन होगा बाहर? भूपेंद्र चौधरी ने किया खुलासा
UP Politics: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव टलने की संभावना के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ( BJP ) के नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ( Bhupendra Singh Chaudhary ) जनवरी में अपनी टीम का ऐलान कर सकते हैं.
UP Politics News: यूपी निकाय चुनाव टलने और बीजेपी ( UP ) के दिग्गज नेताओं का दिल्ली में पहुंचने के बाद से इस बात की चर्चा चरम पर है कि पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ( Bhupendra Singh Chaudhary ) बहुत जल्द नई टीम ( UP BJP New Team ) का ऐलान कर सकते हैं. माना जा रहा है कि नगर निकाय चुनाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अगर उच्च न्यायालय के फैसले से निकाय चुनाव ( Local Body Election UP ) टालने की नौबत आई तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की नई टीम की घोषणा जनवरी में हो सकती है. यहां पर इस बात का जिक्र भी जरूरी है कि शनिवार को यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह (Dharmpal Singh) और सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सहित कई अन्य नेता दिल्ली में थे.
बताया जा रहा है कि शीर्ष नेताओं के साथ इन लोगों की यूपी में संगठन विस्तार के मसले पर चर्चा भी हुई है. हालांकि, इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि किसी ने नहीं की है.
संगठन में फेरबदल जनवरी में संभव
फिलहाल, इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश टीम में जातीय समीकरण के हिसाब से कुछ नए चेहरों को जगह मिलेगी. वहीं सालों से जमे नेता जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे. प्रदेश मंत्री और उपाध्यक्ष स्तर के मौजूदा पदाधिकारियों को पदोन्नति मिलेगी तो क्षेत्रीय अध्यक्ष और मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। दरअसल, भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 29 अगस्त को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था। उस समय चौधरी ने दिसंबर में प्रस्तावित निकाय चुनाव के मद्देनजर अपनी नई टीम का गठन जनवरी तक के लिए टाल दिया था. चूंकि, उच्च न्यायालय में निकाय चुनाव को लेकर मामला पेंडिंग है, इसलिए नये सिरे से संगठन विस्तार की चर्चा जोरों पर है.पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि निकाय चुनाव चार-पांच महीने टालने की स्थिति बनी तो पार्टी की नई टीम जनवरी तक गठित हो जाएगी.
फिर, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने हाल ही में कहा था कि नई टीम के गठन का मामला निकाय चुनाव पर निर्भर है। अगर उच्च न्यायालय का फैसले से निकाय चुनाव आगे खिसकते हैं तो नई टीम का गठन प्राथमिकता से किया जाएगा. यदि चुनाव नहीं टलते हैं तो पहली प्राथमिकता चुनाव जीतना है.
इन लोगों का कट सकता है पत्ता
माना जा रहा है कि पिछले दो-तीन टर्म से यूपी बीजेपी टीम में जगह पाने वाले कुछ नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है. बदलाव के लिए मैनपुरी और खतौली उप चुनाव के नतीजे आधार होंगे. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे कुछ पूर्व मंत्रियों को भी संगठन में दायित्व मिल सकता है. इनमें श्रीकांत शर्मा, सतीश द्विवेदी, सुरेश राणा, आशुतोष टंडन गोपाल सहित अन्य नाम शामिल है.
बदले जा सकते हैं मोर्चों और क्षेत्रीय अध्यक्ष
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, अल्पलंख्यक मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा में नए प्रदेश अध्यक्ष तैनात किए जाएंगे. ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशुदत्त द्विवेदी एमएलसी बन गए हैं. महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य राज्यसभा सदस्य हैं. बीजेपी के एक नेता का कहना है कि अवध क्षेत्र में क्षेत्रीय अध्यक्ष का पद बीते छह महीने से खाली है. वहीं काशी क्षेत्र में महेश श्रीवास्तव, ब्रज क्षेत्र में रजनीकांत माहेश्वरी, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में मानवेंद्र सिंह की जगह नए चेहरों को जगह मिलेगी. गोरखपुर क्षेत्र में धर्मेंद्र सिंह और पश्चिम क्षेत्र में मोहित बेनीवाल को रिपीट किया जा सकता है.
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