UP Politics: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी पिछड़े वर्ग में दूसरे नंबर पर सबसे बड़ी आबादी वाले कुर्मी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए अपनी पार्टी के कुर्मी नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है. भारतीय जनता पार्टी की तैयारी है कि मौजूदा उत्तर प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में कुर्मी मंत्रियों के साथ-साथ विधायकों और पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाए, जिससे 2024 में कुर्मी वोटबैंक बीजेपी के साथ आ सके.
उत्तर प्रदेश में आबादी के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग में सबसे बड़ी संख्या में यादव वोटर हैं और उसके बाद कुर्मी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. बीजेपी इसी कुर्मी समाज को 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने साथ रखने के लिए कुर्मी नेताओं को उनके बीच में जाकर और इनको अपने साथ जोड़ने की जिम्मेदारी दे रही है. हालांकि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के दौरान से लेकर 2017, 2019 और 2022 में एक बड़ा कुर्मी वोट बैंक भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा है.
समाजवादी पार्टी की रणनीति के चलते हुए एक्टिव
फिलहाल जिस तरीके से समाजवादी पार्टी ने अपने यहां कुर्मी नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं. इससे बीजेपी को डर सताने लगा है. समाजवादी पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नरेश उत्तम पटेल, इसके साथ अंबेडकर नगर से आने वाले लाल जी वर्मा, डॉक्टर आशुतोष वर्मा सहित कई ऐसे नेता हैं जिनके जरिए वो कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है और इसी डर से बीजेपी अपने कुर्मी नेताओं को एक्टिव कर रही है कि वह कुर्मियों के बीच में जाकर के उनसे संवाद करें और उनके बीच में पकड़ मजबूत करें.
सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले जोड़ रही बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी के कुर्मी समाज से आने वाले नेता सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले कुर्मियों को जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इसी मंच की ओर से भारतीय जनता पार्टी आने वाले दिनों में कुर्मी समाज से आने वाले बड़े बुद्धिजीवियों का और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का एक सम्मेलन आयोजित करेगी. इस सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी कुर्मी समाज के जनप्रतिनिधि, सेवानिवृत हो चुके अधिकारी, वकील, शिक्षाविद, चिकित्सक, समाजसेवी, व्यापारी, उद्यमी अपने कार्यक्रम में शामिल करेगी और उनसे संवाद करेगी.
इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी कुर्मियों के बीच में पैठ बनाने की जिम्मेदारी अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, इसके साथ ही एमएसएमई मंत्री राकेश सचान मौजूदा सरकार में राज्य मंत्री संजय गंगवार, विधायक प्रभात वर्मा, एमएलसी अवनीश सिंह समेत बीजेपी संगठन से जुड़े हुए तमाम पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दे रही है.
यह भी पढ़ेंः
Lok Sabha Elections: मायावती के वोटबैंक में सेंध लगाने की तैयारी! बीजेपी के इस कदम से BSP की मुश्किलें बढ़ना तय?