UP Politics: उत्तर प्रदेश बीजेपी में मचा घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार विधायकों और पार्टी के सहयोगियों से मुलाकात कर उनकी नाराजगी को कम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. पार्टी सीधे तौर पर दो खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है. ऐसे में पार्टी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. बीजेपी के कई विधायक अपनी ही सरकार के लिए मुसीबत बन गए हैं. 


लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी के अंदर की कलह लगातार मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई. एक के बाद एक कई ऐसे विधायक सामने आए जिन्होंने खुलकर पार्टी की नीतियों का विरोध किया और अफसरशाही पर भी सवाल उठाए. ये विधायक अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने से पीछे नहीं है. ये लिस्ट बड़ी होती जा रही है ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सीएम योगी इस कलह का शांत कर पाएंगे?


बीजेपी सरकार के लिए मुसीबत बने ये विधायक


1. रमेश चंद्र मिश्रा- जौनपुर की बदलापुर सीट से बीजेपी विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने तो  वीडियो जारी करके पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए थे और केंद्रीय नेतृत्व से प्रदेश में दखल देने की मांग की. उन्होंने दावा किया अगर ऐसा नहीं हुआ तो 2027 का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. 


2. फतेह बहादुर सिंह- गोरखपुर के कैम्पियरागंज से बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक शख्स पर एक करोड़ चंदा जुटाकर उनकी हत्‍या की साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया आरोपी शख्स गोरखपुर पुलिस के मिला है. उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच तक की माँग की. 


3. सरवण कुमार निषाद- गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से बीजेपी विधायक सरवन निषाद ने भी अपनी हत्या की आशंका जताई. उन्होंने दावा किया दो-दो बार उन्हें हत्या की धमकी दी गई है बावजूद इसके उनकी सुरक्षा को हटा लिया गया. उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया. 


4. नंद किशोर गुर्जर- गाजियाबाद की लोनी सीट से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि चुनाव से दूर रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा को कम कर दिया. 


5. रत्नाकर मिश्रा- मिर्जापुर से बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्रा ने भी अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें सुधर जाने की चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि हम जनसेवा में लगे हैं और अधिकारी लोग खेल कर रहे हैं. 


6. देवेंद्र प्रताप सिंह- बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी डिजिटल अटेडेंस के फ़ैसले पर ही सवाल उठा दिए. उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर अगर इस मुद्दे को ठीक से हल नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.


बीजेपी के विधायक ही नहीं कई अन्य नेता भी अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठा चुके हैं. पूर्व मंत्री मोती सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि अपने 42 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने तहसील और थाने में ऐसा भ्रष्टाचार कभी नहीं देखा. वहीं कन्नौज से पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने भी अधिकारियों पर विपक्ष के साथ मिले होने के आरोप लगाए थे. 


केशव और ब्रजेश की नाराजगी के दावों के बीच सीएम योगी को मिला बड़ा सहारा, संजय निषाद ने कह दी बड़ी बात