UP Politics: अखिलेश यादव और बीजेपी सांसद में जमकर चल रहे जुबानी तीर, खैनी-पान से वोदका तक पहुंची तकरार
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बीजेपी (BJP) सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) के बीच बयानबाजी खैनी-पान से वोदका तक पहुंच गई है.
UP News: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बीजेपी (BJP) सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) के बीच जमकर जुबानी तीर चल रहे हैं. पहले बीजेपी सांसद ने शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) पर माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. जिसके बाद सपा प्रमुख ने जवाब दिया. इसके बाद फिर सांसद ने सपा प्रमुख पर पलटवार किया. अब दोनों के बीच ये जुबानी जंग खैनी-पान से वोदका (Vodka) तक पहुंच गई है.
अखिलेश यादव ने कहा था, "मैं आपको बता दूं, एक मुंह में खैनी-पान और खैनी खाने वाला, कम से कम उसे खैनी छोड़ देनी चाहिए. जो पान भरकर कन्नौज और आसपास के इलाकों के विकास के लिए एक बात नहीं कर सकते. जब वो मुंह में इतना मसाला भर लेंगे तो वो कन्नौज के लिए विकास क्या मांगेंगे. मैं जानता हूं कि इटावा में उनकी रिश्तेदारियां हैं, इटावा में बहुत रिश्तेदारियां हैं. इटावा में भी रिश्तेदारियों वाले जानते होंगे कि समाजवादियों ने कितना विकास कराया है."
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अखिलेश यादव को जवाब
सपा प्रमुख के इस बयान के जवाब में सुब्रत पाठक ने ट्वीट कर लिखा, "पान का प्रयोग हम हिंदुओं की पूजा में होता है अखिलेश यादव और इसमें सुपारी कत्था लौंग इलायची और कन्नौज के पवित्र फूलों के इत्र पड़ते हैं. अच्छा हो आप वोदका पीना छोड़ दें. ताकी आपकी बुद्धि ठीक रहे निजी जीवन के आपके बहुत से किस्से कन्नौज में आज भी हैं हैलो कानपुर अखबार भूल गये?"
बता दें कि ये जुबानी जंग सुब्रत पाठक के एक बयान से शुरू हुई थी. जिसमें बीजेपी सांसद ने कहा था, "सपा ने शिवपाल सिंह यादव को किनारे क्यों किया था, क्योंकि सपा में गुंडा प्रवृति शिवपाल सिंह यादव के कारण थी. सपा में माफिया भी शिवपाल यादव के कारण थे. यही इशारा करते हुए अखिलेश यादव ने उन्हें अलग करके अपनी क्षवि ठीक करने का प्रयास किया था. मुख्तार अंसारी को इन्होंने सपा ज्वाइन कराई थी."