UP Politics : मायावती बोलीं- 'बसपा का जनाधार कम नहीं हुआ है, सब EVM का कमाल', BJP ने किया पलटवार
मायवती के बयान पर बीजेपी ने कहा कि जब बसपा प्रमुख की सरकार रही तब भी चुनाव ईवीएम से ही होते थे. हिमाचल और दिल्ली के चुनाव भी ईवीएम से हुए, वह (मायावती) वहां पर ईवीएम पर सवाल क्यों नहीं उठातीं.
BSP Chief Mayawati on EVM: समाजवादी पार्टी के बाद अब बसपा ने भी ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बसपा का जनाधार कम नहीं हुआ है, सब ईवीएम का कमाल है. जब तक बैलेट पेपर से चुनाव हुए बसपा का वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन ईवीएम से चुनाव होते ही वोट प्रतिशत घटने लगा. दाल में कुछ काला है. इसके अलावा मायावती ने बीजेपी के पसमांदा सम्मेलनों पर भी सवाल उठाए. साफ किया कि बसपा चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं करेगी. मायावती के इन बयानों पर अब बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं ने पलटवार भी शुरू कर दिया है. बीजेपी ने अतीक अहमद की पत्नी के बसपा में आने पर भी निशाना साधा है.
कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने क्या कहा?
राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मायावती के बयान को 'खिसियानी बिल्ली, खंभा नोचे' जैसा बताया है. उन्होंने कहा कि जब पहले बसपा की सरकार रही तब भी ईवीएम से चुनाव होते थे. हाल ही में चाहे हिमाचल हो, चाहे दिल्ली वहां भी ईवीएम से चुनाव हुए. वहां जो सरकारें बनीं, वह बीजेपी की नहीं थीं, तो वहां ईवीएम पर सवाल क्यों नहीं उठातीं
'पसमांदा मुस्लिम समाज के बीजेपी से जुड़ने से परेशान हैं मायावती'
राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक खासतौर से पसमांदा मुस्लिम समाज ने बीजेपी से जुड़ने का मन बना लिया है. इसलिए अब बसपा परेशान है. सपा-बसपा ने मुस्लिम समाज को हमेशा सिर्फ वोट बैंक समझात्र. इनका वोट तो लिया लेकिन उनकी भलाई के लिए कोई काम नहीं किया. सपा-बसपा के पास जब सरकार थी तो मुस्लिम समाज की तरक्की के लिए कोई ठोस काम धरातल पर नहीं हुआ. अगर मायावती पसमांदा सम्मेलन को असफल प्रयोग बोल रही हैं तो ये दिखता है कि बीजेपी ने आगे बढ़कर जो पसमांदा समाज का हाथ पकड़कर तरक्की की ओर ले जाने का काम किया. उसमें सरकार सफल रही.
'हारने के बाद हमेशा से यही रहा है विपक्ष का रोना'
दानिश अंसारी ने कहा कि विपक्ष का यह पुराना रोना है. विपक्ष जब भी हारता है तो तुरंत ईवीएम की तरफ उंगली उठाता है. विपक्ष ने कभी अपने कामों की समीक्षा नहीं की, जब यह सत्ता में थे तो जनता के विकास के लिए कोई काम नहीं किया. जब वो जीत जाते हैं तो इस तरह का सवाल नहीं उठाते. जैसे ही हार होती है तो सारा दोष ईवीएम में दिखने लगता है. दोष असल में उनकी नीतियों और उनके काम में है, जो जनता जानती है. अतीक अंसारी की पत्नी के बसपा में आने पर दानिश अंसारी ने कहा कि जनता देख रही है कि किस तरह से मुस्लिम समाज को हमेशा गुमराह करने का काम बसपा सपा ने किया. हमेशा गलत मुस्लिम व्यक्ति को आगे बढ़ाने का काम किया.
पसमांदा समाज को लाभ दे रही है बीजेपी- कुंवर बासित अली
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा कि मायावती की मोदी जी के टुकड़े-टुकड़े करने वाले इमरान, माफिया मुख्तार और अतीक से यारी है. शायद दाऊद इब्राहिम को लेने की उनकी तैयारी है. जन्मदिन पर चाहे चंदा उगाहने की बात हो या लगातार तुष्टिकरण की, वह इसी में लगी रहती हैं. उन्होंने कहा कि मायावती पसमांदा समाज की हितेषी नहीं हैं. उनकी सरकार में तमाम पसमांदाओं का शोषण हुआ. मोटी रकम लेकर टिकट दिए गए, लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं मिला. बीजेपी सरकार में पसमंदाओं को जगह दी जा रही है. बीजेपी सरकार पसमांदा को योजनाओं का बड़े पैमाने पर लाभ दे रही है.
कांशीराम के सपने को मायावती ने किया चकनाचूर- सपा प्रवक्ता
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि बसपा उत्तर प्रदेश में खत्म हो चुकी है. 2019 में अम्बेडकरवादियों और समाजवादियों ने एक सपना देखा था, जिसे मायावती ने चकनाचूर कर दिया. कांशीराम का सपना खत्म न हो जाये सिर्फ इसलिए हम लोगों ने बसपा को 10 सीटें जीतने में मदद की. लेकिन, बसपा ने बीजेपी और आरएसएस के दबाव में इस गठबंधन को तोड़ा. 2022 में सपा को जो वोट मिले उसमे बसपा का भी वोटर शामिल है, जिसे अखिलेश यादव पर भरोसा है. दलित वोटर भी अब सपा के साथ है. 2024 में मुकाबला सपा वर्सेज बीजेपी और आरएसएस है.
जिनसे हमारा गठबंधन है उन्हीं से रहेगा- नरेश उत्तम पटेल
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही कह दिया था कि जिन से हमारा गठबंधन है उनको छोड़कर हम किसी से गठबंधन नहीं करेंगे. हम सपा के उम्मीदवारों को लड़ाएंगे. समाजवादी पार्टी समतामूलक समाज बनाने के लिए काम करती है. समाजवादी एक पार्टी नहीं आंदोलन है, विचारधारा है. इसी विचारधारा से समाज में नफरत खत्म होती है. हम समाजवादी सिद्धांतों पर चलते हैं.